17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

तुर्की में 85 सैन्यकर्मी गिरफ्तार, 2016 में तख्तापलट की कोशिश करने वाले लोगों से संबंध होने का आरोप

तुर्की में तख्तापलट की कोशिश करने के आरोप में 85 सैन्यकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है।

2 min read
Google source verification

अंकाराः तुर्की में शुक्रवार को देश भर में ताबड़तोड़ छापेमारी की गई। इस छापेमारी में 85 सैन्यकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों पर आरोप है कि साल 2016 में तख्तापलट की कोशिश करने वाले लोगों से इनका संबंध है। मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि तुर्की की वायुसेना ने ड्यूटी पर तैनात 110 कर्मचारियों की गिरफ्तार के लिए वारंट भी जारी किया है। 2016 से लेकर अब तक तख्तापलट की प्रयास में करीब 77 हजार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

धर्मगुरु फतहुल्ला गुलेन पर है तख्तापलट करने का आरोप
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तइप एर्दोगान की साल 2016 में तख्तापलट की नाकाम कोशिश की गई थी। तख्तापलट का आरोप तुर्की के धर्मगुरु फतहुल्ला गुलेन पर लगा था। वे इस समय अमरीका में निर्वासित जीवन जी रहे हैं। तुर्की सरकार फतहुल्ला गुलेन के समर्थकों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर रही है। शुक्रवार को देश के 16 प्रातों में हुई छापेमारी भी इसी का हिस्सा है। बता दें कि गिरफ्तार किए गए लोगों में सैन्यकर्मी, शिक्षक और न्यायाधीश शामिल हैं।

तख्तापलट के प्रयास में हुई थी 250 की मौत
2016 में सैन्य तख्तापलट के असफल प्रयास के बाद देश में आपातकाल लगाया गया था, जिसके बाद इसे सात बार बढ़ा दिया गया। देश में सैन्य तख्तापलट के प्रयास में लगभग 250 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 2,000 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इसी साल 24 जून के राष्ट्रपति चुनाव में रेसेप तइप एर्दोगान की बड़ी जीत हासिल हुई थी। इसके बाद दो साल से लगा आपातकाल जुलाई में खत्म कर दिया गया था।

चुनाव के बाद और शक्तिशाली हुए रेसेप तइप
जून में चुनावों में बड़ी जीत हासिल करने के बाद राष्ट्रपति रेसेप तइप एर्दोगान को पहले से और मजबूत हुए हैं। देश की नई कानून प्रणाली के तहत राष्ट्रपति एर्दोगन को कई बड़ी शक्तियां प्राप्त है। उन्हें संसदीय अनुमोदन के बिना उपाध्यक्षों, मंत्रियों, उच्च स्तरीय अधिकारियों और वरिष्ठ न्यायाधीशों को नियुक्त करने और हटाने का अधिकार भी है। राष्ट्रपति के पास संसद को भंग करने और आपातकाल की स्थिति लागू करने की शक्ति प्राप्त है।