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अफगानिस्तान में संसदीय चुनाव के लिए मतदान जारी, आतंकी हमलों की आशंका

तालिबान ने बयान जारी कर कहा हैं कि जो लोग इन चुनावों में वोट डालेंगे, उन्हें गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा।

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अफगानिस्तान में संसदीय चुनाव के लिए मतदान जारी, आतंकी हमलों की आशंका

काबुल। अफगानिस्तान में तीन साल के अंतराल के बाद शनिवार को संसदीय चुनाव हो रहे हैं। समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार कड़ी सुरक्षा और मतदान में गड़बड़ी की आशंकाओं के बीच सुबह सात बजे मतदान शुरू हो गया। नाटो द्वारा 2014 में अफगानिस्तान में अलकायदा के खिलाफ चलाए जाने वाला आतंकवाद रोधी अभियान खत्म होने के बाद यहां पहली बार मतदान हो रहे हैं। मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ। शाम चार बजे तक वोट डाले जाएंगे।

आतंकी हमले की आशंका

हालांकि इन चुनावों पर आतंकवादी साया मंडरा रहा है। तालिबान ने शुक्रवार को बयान जारी कर मतदान का बहिष्कार करने के लिए कहा था। तालिबान ने कहा कि उसके लड़ाके सभी प्रमुख और छोटे रास्तों को रोक देंगे। अफगान सरकार ने मतदान के दौरान मतदाताओं और मतदान केंद्रों की सुरक्षा के लिए 54,000 सैनिकों को तैनात किया है। बता दें कि इसी सप्ताह तालिबान के हमले में अफगानिस्तान के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की मौत होने और कई अधिकारियों के घायल होने से चुनाव दहशत के माहौल में हो रहे हैं। बीते दिनों तालिबान और अलकायदा ने अफगानिस्तान में एक के बाद एक कई हमलों को अंजाम दिया था। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, "मतदान का आयोजन संविधान, जनता और लोकतंत्र की जीत है।" उधर तालिबान ने लोगों को मतदान न करने की सार्वजनिक धमकी दी हैं। तालिबान ने बयान जारी कर कहा हैं कि जो लोग इन चुनावों में वोट डालेंगे, उन्हें गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा।

88 लाख मतदाता, 2564 उम्मीदवार

अफगान संसद के निचले सदन के 250 सदस्यों को चुनने के लिए शनिवार को लगभग 88 लाख अफगान मतदाता मतदान करेंगे। कुल वोटरों में इनमें 34 फीसदी महिलाएं हैं। संसद के निचले सदन की 250 सीटों पर 2564 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं जिनमें 16 फीसदी महिलाएं हैं। बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान ने इस चुनाव प्रक्रिया की घोषणा के साथ ही बाधा डालने की कोशिश की हैं। अफगानिस्तान में पिछले पांच महीनों में आतंकवादी हमलों में कई मतदान कर्मियों और मतदाताओं की हत्या हो चुकी है।

अफगानिस्तान में 21,000 मतदान केंद्रों की रक्षा के लिए 50,000 से अधिक अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बल कर्मियों को तैनात किया गया है। असुरक्षा के वजह से चुनाव आयोग ने लगभग एक तिहाई मतदान केंद्र बंद करने का फैसला किया। करीब 400 जिलों में से 11 में चुनाव पूरी तरह रद्द कर दिया गया हैं। वहीं, कंधार के साथ-साथ गजनी प्रांत में चुनाव नहीं होंगे जहां चुनाव अगले वर्ष तक स्थगित कर दिए गए हैं।

अफगान राष्ट्रपति ने डाला वोट

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मतदान की शुरुआत में अपना वोट डाला।बाद में एक टेलीविजन भाषण में उन्होंने अफगानों को एक और चुनाव पर बधाई दी और अफगानिस्तान के सभी कोनों में मतपत्र पहुंचाने के लिए सुरक्षा बलों विशेष रूप से वायु सेना की प्रशंसा की। अफगान चुनाव आयोग के उप प्रवक्ता अज़ीज़ इब्राहिमी ने कहा कि शनिवार के मतदान के शुरुआती नतीजे नवंबर के मध्य से पहले जारी नहीं किए जाएंगे और उसके बाद अंतिम परिणाम दिसम्बर में जारी होंगे।