scriptAfghanistan: कार बम धमाके में 8 की मौत, पुलिस सुरक्षा चौकी से हुई बड़ी चूक | Afghanistan Car Bomb Blast, many people Killed | Patrika News

Afghanistan: कार बम धमाके में 8 की मौत, पुलिस सुरक्षा चौकी से हुई बड़ी चूक

locationनई दिल्लीPublished: Jul 31, 2020 08:33:35 am

Submitted by:

Mohit Saxena

Highlights

बम धमाके (Bomb Blast) में करीब 30 लोगों के घायल होने की खबर है, कई बच्चे भी इस धमाके की चपेट में आए।
अभी किसी भी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, तालिबान (Taliban) पर गहराया शक।

afghnaistan car bomb blast

अफगानिस्तान में बम धमाके में कई लोगों की मौत। (फाइल फोटो)

काबुल। अफगानिस्तान (Afghanistan) में गुरुवार को एक जबरदस्त कार बम धमाके (Bomb Blast) में आठ लोगों के मारे जाने और 30 लोगों के घायल होने की खबर है। बम धमाका इतना भयानक था कि कार के चीथड़े उड़ गए। यह घटना अफगानिस्तान के मध्य लोगार प्रांत में हुई। अभी तक किसी संगठन ने इस घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। बताया जा रहा है कि जांच के लिए इस कार को सुरक्षा चौकी पर रोका गया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना के भारतीय समय अनुसार गुरुवार देर रात की है। अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय ने बताया कि ‘आतंकवादियों ने पुल-ए-आलम शहर में एक कार में बम विस्फोट किया, इसमें कम से कम 8 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 30 अन्य लोग घायल हो गए।’
सुरक्षा चौकी पर कार की जांच हुई थी

अफगान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक आरियन के अनुसार हमले में मारे गए अधिकतर लोग आम नागरिक थे। पुलिस का कहना है कि जिनकी जानें कार बम धमाके में हुई है, उनमें कार सवार भी थे, जिन्हें सुरक्षा चौकी पर जांच के लिए रोका गया था। माना जा रहा है कि इस बड़ी चूक के कारण बम धमाके में इतने लोगों की जान गई है। वहीं, जिस अस्पताल में घायलों को ले जाया गया था, वहां मौजूद गवाहों का कहना है कि बम धमाके के घायलों में कई बच्चे भी शामिल हैं। अभी किसी भी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी से तत्काल इनकार कर दिया है।
तालिबान (Taliban) ने कही है युद्धविराम की बात

गौरतलब है कि तालिबान ने 28 जुलाई को कहा था कि वे ईद-अल-अजहा जो कि मुसलमानों के अहम त्योहारों में माना जाता है, इस दौरान अफगानिस्तान में तीन दिवसीय युद्धविराम का पालन करेंगे। यह त्योहार शुक्रवार को शुरू होगा और तीन अगस्त को खत्म होगा। तालिबान और अमरीका के बीच शांति समझौते को लेकर लगातार बातचीत चल रही है। दोनों के बीच कुछ शर्तों को लेकर मतभेद है। तालिबान सरकार में हिस्सेदारी चाहता है, वहीं अफगान सरकार के नुमाइंदे इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि इससे देश में कट्टरपंथ को बढ़ावा मिलेगा और जनता पर अत्याचार होंगे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो