चुनावी हमलों में 50 की हो चुकी है मौत
अफगानिस्तान में 20 अक्टूबर को होने वाले संसदीय चुनाव के लिए चुनाव अभियान पिछले शुक्रवार को शुरू हुए थे। इसमें 34 प्रांतों में से 33 में 2,691 उम्मीदवार (गजनी को छोड़कर) संसद की 249 सीटों के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं। इस साल पूरे देश में अब तक हुए चुनावी हमलों में 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इसमें सात चुनावी उम्मीदवार भी शामिल थे।
17 अक्टूबर तक चलेगा प्रचार अभियान
अफगान चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, चुनाव प्रचार अभियान 17 अक्टूबर तक चलेगा। अफगानिस्तान के इस चुनाव में 90 लाख से अधिक मतदाता अपने मतदान का इस्तेमाल करके संसद के निचले सदन वोलेसी जिरगा के लिए पांच साल की अवधि के लिए अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे। साथ ही, वे जिला परिषदों के सदस्यों का भी चुनाव करेंगे। अफगानिस्तान के निर्वाचन कानून के अनुसार, संगठनों की तटस्थता और भाषण करने की जगह, मीडिया की निष्पक्षता, चुनाव अभियान में पारदर्शिता समेत उम्मीदवारों को कई नियमों और प्रतिबंधों का अनुपालन करना होगा।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
तालिबान शासन के खात्मे के बाद अफगानिस्तान में पहला संसदीय चुनाव 2005 में हुआ था। इसके बाद 2010 में दूसरी बार संसदीय चुनाव हुआ। हालांकि तीसरा संसदीय चुनाव 2015 में राष्ट्रपति चुनाव के बाद ही होना था, मगर उसे बार-बार टाला गया। देश में तालिबान आतंकी आम चुनाव को रोकने चाहते हैं। इसलिए सरकारी दफ्तरों और सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर हमले किए जा रहे हैं।