
पाकिस्तानी सीनेटर रजा रब्बानी
इस्लामाबाद। अमरीकी हवाई हमले में ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद ईरान और अमरीका में तनाव बढ़ता जा रहा है। दूसरी तरफ इसका असर अब मध्य-पूर्व एशियाई देशों में पड़ने की संभावना जताई जा रही है। यही कारण है कि भारत समेत पाकिस्तान इसको लेकर गंभीर है।
पाकिस्तानी संसद के ऊपरी सदन में सांसदों ने आशंका जताई कि बगदाद में हुए अमरीकी हवाई हमले में ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद वाशिंगटन और तेहरान के बीच तनाव बढ़ने का पाकिस्तान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की शुक्रवार की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) के सीनेटर रजा रब्बानी ( Raza Rabbani ) ने कहा, 'विदेश मंत्री को (अमरीका-ईरान तनाव पर) नीतिगत बयान देने के लिए सदन में आना चाहिए और हमें यह भी सूचित करना चाहिए कि इस मामले में इस्लामाबाद का रुख क्या है।’
विपक्ष ने की संसद में विदेश मंत्री के बयान की मांग
इसके अलावा पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के वरिष्ठ नेता एवं सदन में विपक्ष के नेता राजा जफरुल हक ने कहा कि विदेश मंत्री के लिए सीनेट में आना और सांसदों को मध्य-पूर्व की स्थिति पर विश्वास में लेना जरूरी है।
सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजरानी ने सदन के नेता शिबली फराज को इस संबंध में विदेश मंत्री को सूचित करने का निर्देश दिया। विदेश मंत्री की गैरहाजिरी में, फराज ने अमरीका-ईरान तनाव पर सांसदों को जानकारी देते हुए कहा कि सरकार हालात पर करीब से नजर रखे हुए है।
उन्होंने कहा, 'हम इस घटनाक्रम पर वैश्विक प्रतिक्रिया का भी जायजा ले रहे हैं और जल्द ही सदन में एक रिपोर्ट पेश करेंगे।’ इसके बाद संसद के ऊपरी सदन के सत्र को शनिवार (आज) तक स्थगित कर दिया गया।
बता दें कि इससे पहले सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से फोन पर बातचीत की और मध्य-पूर्व देशों में शांति बहाली को लेकर बातचीत की।
Updated on:
04 Jan 2020 09:00 pm
Published on:
04 Jan 2020 07:19 pm
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