
Thailand fighter jets (Representational Photo)
थाईलैंड (Thailand) और कंबोडिया (Cambodia) के बीच जुलाई में 4 दिन तक जंग चली, जिसमें दोनों देशों को जान-माल का नुकसान हुआ। बाद में अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के दबाव बनाने की वजह से दोनों देश सीज़फायर के लिए सहमत हो गए। अक्टूबर में आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान ट्रंप ने थाईलैंड के पीएम अनुतिन चार्नविराकुल (Anutin Charnvirakul) और कंबोडिया के पीएम हुन मानेट (Hun Manet) से मुलाकात की और दोनों से शांति समझौते पर हस्ताक्षर भी करवाए, लेकिन कुछ समय में ही दोनों देशों ने सीज़फायर का उल्लंघन कर दिया है।
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच बॉर्डर पर रविवार रात को फिर झड़प शुरू हो गई जो देर सुबह तक जारी रही। कंबोडियाई सैनिकों की गोलीबारी में थाईलैंड का एक सैनिक मारा गया और एक घायल हो गया। थाईलैंड ने इसे 'एक्ट ऑफ वॉर' बताया, जबकि कंबोडिया ने इस आरोप को खारिज कर दिया। जवाब में थाईलैंड की एयर फोर्स ने कंबोडिया में सैन्य ठिकानों पर एयरस्ट्राइक्स की। दोनों देशों के बीच स्थिति काफी बिगड़ गई है, जिससे अब इस बात की आशंका जताई जा रही है कि दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ सकता है। दोनों देशों ने बॉर्डर के पास अपने लोगों से अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा है। इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही दोनों देश बॉर्डर पर सैनिकों की संख्या बढ़ा सकते हैं और साथ ही टैंक्स और मिसाइलें भी तैनात कर सकते हैं।
थाईलैंड और कंबोडिया में फिर जंग छिड़ने से ट्रंप का शांति समझौता फ्लॉप हो गया है। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब ट्रंप का शांति समझौता फ्लॉप हुआ है। इज़रायल-हमास युद्ध में कई बार ट्रंप का शांति समझौता फ्लॉप हो चुका है। रूस-यूक्रेन युद्ध में भी ट्रंप के दावे कई बार फ्लॉप हो चुके हैं।
Updated on:
08 Dec 2025 01:07 pm
Published on:
08 Dec 2025 12:58 pm
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
