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शेख हसीना क्यों आई थीं भारत, यहां कब तक रहेंगी ? एस जयशंकर ने बता दिया सबकुछ

Sheikh Hasina in India: भारत ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग को ठुकरा दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस संबंध में बड़ा बयान दिया है।

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भारत

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MI Zahir

Dec 07, 2025

Sheikh Hasina, former PM of Bangladesh

शेख हसीना, बांग्लादेश की पूर्व पीएम (फोटो-IANS)

Sheikh Hasina in India: भारत ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina in India) के प्रत्यर्पण करने की मांग ठुकरा दी है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हसीना का भारत में रहना उनका व्यक्तिगत निर्णय है। यह फैसला उनके और भारत के बीच पिछले साल हुई घटनाओं से प्रभावित है। जयशंकर ने साफ किया कि भारत ने बांग्लादेश (India-Bangladesh Relations) की तरफ से शेख हसीना के प्रत्यर्पण (Hasina’s Extradition) की मांग स्वीकार नहीं की है, जिन्हें बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। यह सजा उनके भारत में रहते हुए ही सुनाई गई थी। जब उनसे पूछा गया कि क्या हसीना भारत में जब तक चाहें रह सकती हैं, तो उन्होंने इसे एक अलग सवाल बताया। जयशंकर ने कहा, “वे एक विशेष परिस्थिति में भारत आई थीं और मुझे लगता है कि उनके साथ जो भी हुआ, उसकी वजह से यह फैसला लिया गया है। लेकिन यह मामला आखिरकार उन्हीं का है और इस बारे में वे ही अपना निर्णय लेंगी।”

भारत-बांग्लादेश रिश्तों पर संतुलित दृष्टिकोण की उम्मीद

जयशंकर ने कहा कि भारत, बांग्लादेश का शुभचिंतक है और दोनों देशों के रिश्तों में संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए यह भी कहा कि भारत, एक लोकतांत्रिक देश के रूप में, हमेशा इस बात का पक्षधर रहा है कि लोगों की इच्छा का सम्मान किया जाए। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में परिपक्वता और संतुलन आएगा।

भारत की रणनीतिक स्वायत्तता पर जोर

जयशंकर ने भारत की रणनीतिक स्वायत्तता की अहमियत बताई। उन्होंने कहा, “हमारी रणनीतिक स्वायत्तता जारी रहेगी और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे राष्ट्रीय हितों को कोई भी देश नुकसान न पहुंचाए।” उन्होंने यह भी कहा कि व्यापार और कूटनीति में भारत की प्राथमिकता हमेशा अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोच्च रखना है।

कूटनीति का उद्देश्य केवल भारत के राष्ट्रीय हित: जयशंकर

जयशंकर ने इस दौरान कूटनीति के विषय में अपनी राय दी और कहा कि उनका नजरिया कूटनीति को किसी और को खुश करने के रूप में नहीं देखता। उनका मानना है कि कूटनीति का उद्देश्य केवल अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है, न कि अन्य देशों के दबाव में आकर निर्णय लेना।

भारत की विदेश नीति में बदलाव की ओर इशारा (Jaishankar Foreign Policy)

जयशंकर का यह बयान भारत की विदेश नीति में बढ़ती स्वायत्तता और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम संकेत है। भारत अब अपनी कूटनीतिक और व्यापारिक नीतियों को अपनी प्राथमिकताओं और राष्ट्रीय हितों के अनुसार तय करने के लिए और अधिक मजबूत हो चुका है।

हसीना के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच विचार-विमर्श जारी

बहरहाल, भारत की विदेश नीति में यह बदलाव दर्शाता है कि सरकार ने अपनी स्वतंत्रता और स्वायत्तता पर ज्यादा जोर दिया है। साथ ही, यह भी दिखाता है कि अब भारत न सिर्फ दक्षिण एशिया, बल्कि विश्व स्तर पर भी अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए तैयार है। आने वाले समय में भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में क्या बदलाव आएगा, यह देखना दिलचस्प होगा, खासकर जब हसीना के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच विचार-विमर्श जारी रहेगा।