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साउथ चाइना सीः चारों तरफ से घिरा चीन, पाक ने किया समर्थन

दक्षिण चीन सागर के विवाद पर मंगलवार को इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल ने  चीन के एकाधिकार के दावे को खारिज कर दिया

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Sunil Sharma

Jul 13, 2016

SOUTH CHINA SEA

SOUTH CHINA SEA

वॉशिंगटन। दक्षिण चीन सागर के विवाद पर मंगलवार को इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल ने चीन के एकाधिकार के दावे को खारिज कर दिया। फैसले के बाद अमरीका ने फैसले के स्वागत करते हुए इसे अंतिम और कानूनी रूप से बाध्य बताया है। वहीं चीन ने कहा है कि इस फैसले का कोई कानूनी आधार नहीं है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने इसे ढोंग बताया है, जबकि फिलीपींस ने फैसले का स्वागत किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक अमरीका ने मंगलवार को चीन के खिलाफ और फिलीपीन्स के पक्ष में आए अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत के फैसले को मानने की बात कही है। अमरीकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉर्न किर्बी ने कहा, ट्रिब्यूनल के फैसले का चीन और फिलीपीन्स दोनों ही पालन करेंगे। गौरतलब है कि चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप भी बना लिया है।

ये देश करते रहे हैं दावे
चीन लगभग समूचे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करत रहा है। लेकिन वियतनाम, फिलि पीन, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इस पर अपना दावा करते हैं। दक्षिण चीन सागर में बढ़ते विवाद को सुलझाने अमरीका भी कूदा था।

भारत ने भी जताया था विरोध
भारत,जापान अमरीका संयुक्त सैन्य अभ्यास के दौरान चीन ने विरोध जताया था। उसके विरोध करने के बाद तीनों देशों ने विरोध किया था।

पाक ने फिर दिखाया अपना रंग
रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, पाक सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा कि दक्षिण चागर के मुद्दे पर पाकिस्तान चीन के साथ है। विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकरिया ने कहा, पाकिस्तान इस बात पर कायम है कि इस विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहिए।

ड्रैगन के समर्थन में थे 60 देश
भारत का पड़ोसी चीन अब खुलकर घूसखोरी पर उतर आया है। समुद्र कब्जाने की उसकी नीयत उसे जैसे बेईमानी के पाताल की ओर ले जा रही है। चीन पहले से ही नकली टापू बना रहा था, लेकिन अब उसने अपने पक्ष में 60 देशों को कर लिया है।

ट्रिब्यूनल ने यह कहा
- चीन दक्षिणी चीन सागर की तथाकथित डैश लाइन के अंदर आने वाले संसाधनों पर कोई कानूनी दावा नहीं कर सकता।
- चीन ने फिलीपींस के स्कारबोरो शाल पर मछली मारने के पारंपरिक अधिकारों में दखल दिया।
- स्पार्टली आइलैंड के इलाके में 200 नॉटिकल मील के विशेष आर्थिक जोन का अधिकार चीन को नहीं।
- नकली द्वीप बनाकर चीन ने कोरल रीफ को बेहद नुकसान पहुंचाया।

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