
नई दिल्ली। डोकलाम को लेकर चीन के साथ चल रहे तनाव को लेकर भारतीय सेना ने चीन से लगती अपनी पूर्वी सीमा पर अपनी सैन्य तैयारी बढ़ा दी है। शुक्रवार को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हालांकि अभी युद्ध की उम्मीद नहीं है। दोनों तरफ के करीब 300 सैनिक कुछ ही फीट की दूरी पर आमने-सामने डटे हैं। हालांकि परमाणु शक्ति संपन्न दोनों पड़ोसियों के बीच टकराव बढऩे के आसार अभी कम ही हैं, लेकिन अहतियात बरतते हुए सतर्कता के लिए सैन्य अलर्ट स्तर को बढ़ा दिया गया है। मामला संवेदनशील होने के कारण यह कदम उठाया गया है। चीन ने भारतीय राज्य सिक्किम और भूटान की सीमा से लगते डोकलाम पठार पर सड़क बनाना शुरू किया तभी से दोनों में तनाव बना हुआ है। डोकलाम पर दोनों देश पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
सेना को किया अलर्ट
सूत्रों के मुताबिक एक सप्ताह पहले पूर्वोत्तर कमांड में सेना की सभी टुकडिय़ों को आदेश जारी किया गया। इस दौरान जवानों से कहा गया था कि वह अपनी ओर से युद्ध की तैयारियों को लेकर कोई कोताही न बरतें, हालांकि चाहे युद्ध न भी हो लेकिन जवानों को अपनी तैयारी पूर्ण रखनी होंगी। भारत हर साल सितंबर और अक्टूबर में इस तरह का आपरेशनल अलर्ट जारी करता है। इस साल पहले ही यह सक्रियता दिखाई जा रही है।
भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के लिए खतरा
बता दें कि भारत, चीन और भूटान की ट्राइजंक्शन वाला यह डोकलाम क्षेत्र भूटान का हिस्सा है। इस हिस्से में चीन के निर्माण दस्ते को डोकलाम क्षेत्र में सड़क बनाने का प्रयास करते पाया गया। इस क्षेत्र पर भूटान और चीन दोनों दावा करते हैं। भूटान के साथ विशेष समझौता होने के कारण भारत ने निर्माण रोकने के लिए अपनी सेना भेज दी। भारत के इस अप्रत्याशित कदम से आक्रमक चीन ने भारत से बिना शर्त अपनी सेना वापस बुलाने के लिए कहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रशासन ने चीन की चेतावनी की परवाह नहीं की। उधर, भारत इस क्षेत्र में बनने वाले सड़क को पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए खतरा मानकर चल रहा है।
Updated on:
12 Aug 2017 09:37 am
Published on:
12 Aug 2017 09:29 am
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