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फेसबुक पोस्ट के जरिये भड़काई गई थी बांग्लादेश में हिंसा, दो आरोपियों ने पुलिस के सामने कबूल किया

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा मामले में अदालत के सामने दो आरोपियों ने यह बात कबूल की है कि उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिये हिंसा फैलाई थी और फिर दूसरे आरोपी ने लाउडस्पीकर के जरिये स्थानीय लोगों को उकसाया। पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में 693 लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि 24,000 संदिग्धों के खिलाफ 70 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें से अधिकांश गुमनाम हैं।

नई दिल्लीOct 25, 2021 / 11:54 pm

अमित कुमार बाजपेयी

बांग्लादेश हिंसा पर अपनी-अपनी गोटियां बिछाने में जुटे राजनीतिक दल, पश्चिम बंगाल विधानसभा उपचुनाव:

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ढाका। बांग्लादेश में सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक नफरत फैलाने के आरोपी दो लोगों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। एक अदालत ने सोमवार को कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा 13 अक्टूबर को दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान सोशल मीडिया पर एक कथित ईशनिंदा पोस्ट के बाद भड़क उठी थी। यह हिंसा कुछ दिनों तक जारी रही और देश के अन्य हिस्सों में फैल गई।
पुलिस ने कहा कि ऐसी ही एक घटना के दौरान 17 अक्टूबर को पीरगंज उप-जिले के रंगपुर में लगभग 70 हिंदू घरों को आग लगा दी गई थी। दो आरोपी पुरुषों- शैकत मंडल और उनके साथी रबीउल इस्लाम- पर सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक नफरत फैलाने और रंगपुर में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया था। सोमवार को प्री-ट्रायल सुनवाई में इन लोगों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
अदालत के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया, “शैकत मंडल और उसके साथी रबीउल इसाम ने (उत्तर-पश्चिमी) रंगपुर में एक वरिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट देलवर हुसैन के समक्ष अपनी भूमिका स्वीकार की है।” वे हिंसा के सिलसिले में बांग्लादेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 693 लोगों में शामिल थे। पुलिस की छापेमारी में शुक्रवार को गाजीपुर से दोनों लोगों को पकड़ लिया गया और डिजिटल सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।
Resentment now spread out from Bengal and spread all over the country-बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमला
मंडल रंगपुर के कारमाइकल कॉलेज के दर्शनशास्त्र विभाग का छात्र था। गिरफ्तारी के बाद उसे सत्तारूढ़ अवामी लीग की छात्र शाखा छात्र लीग से निष्कासित कर दिया गया था। वहीं, 36 वर्षीय इस्लाम एक मौलवी है। रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि मंडल ने अपने फॉलोअर्स की संख्या बढ़ाने के लिए फेसबुक पर आपत्तिजनक सामग्री अपलोड की, जबकि इस्लाम ने लाउडस्पीकर पर घोषणाओं के माध्यम से गांव में मुसलमानों को उकसाया।
कानूनी कार्यवाही के तहत अब तक कम से कम सात लोगों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। 24,000 संदिग्धों के खिलाफ 70 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें से अधिकांश गुमनाम थे। पुलिस ने पिछले हफ्ते कहा था कि उन्होंने उस व्यक्ति की पहचान कर ली है जिसने 13 अक्टूबर को कोमिला में एक दुर्गा पूजा पंडाल में कुरान को रखा था, जिसमें हिंसा हुई और तीन लोगों की मौत हो गई। उसकी पहचान शहर के सुजानगर इलाके के रहने वाले 35 वर्षीय इकबाल हुसैन के रूप में हुई है और वह पुलिस हिरासत में है।
लोगों ने कहा कि इस बात की प्रबल संभावना है कि तालिबान के समर्थक जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश के कट्टरपंथी इस्लामवादी, इस सांप्रदायिक हिंसा के पीछे होंगे। उन्होंने कहा कि शेख हसीना सरकार साजिश का पता लगाने और सबूतों को समेटने की कोशिश कर रही है। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों की संयुक्त राष्ट्र ने व्यापक निंदा की है। मुस्लिम बहुल बांग्लादेश की 16.9 करोड़ आबादी में हिंदुओं की संख्या करीब 10 फीसदी है।
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IMAGE CREDIT: ayodhya

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