
Benjamin Netayahu
इज़रायल (Israel) में पिछले कुछ समय से सरकार के न होने से देश में राजनीतिक हलचल का माहौल बना हुआ था। पर अब इस हलचल पर भी विराम लग गया है। बुद्धवार रात इज़रायल की लिकुड पार्टी (Likud Party) के नेता बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने देश में सरकार एक बार फिर सरकार बना ली है। हालांकि पिछले कुछ समय से नेतन्याहू का सत्ता में लौटना तय माना जा रहा था, पर अब इस पर ऑफिशियल तौर पर मुहर भी लग गई है। इसके साथ ही नेतन्याहू की एक बार फिर सत्ता में वापसी हो गई है।
इज़रायल की प्रेसिडेंसी ने दी जानकारी
नेतन्याहू के सरकार बनाने की जानकारी इज़रायल की प्रेसिडेंसी की तरफ से दी गई।
कुछ समय पहले ही मिली थी मैजोरिटी
1 नवंबर 2022 को इज़रायल में हुए चुनाव में लिकुड पार्टी ने जीत दर्ज की थी, पर इसके बावजूद नेतन्याहू की पार्टी सरकार नहीं बना पाई। इसकी वजह थी उनके पास मैजोरिटी नहीं होना। पर इसी महीने इज़रायल की ज्यूइश (Jewish) अल्ट्रा ऑर्थोडॉक्स पॉलिटिकल पार्टी शास (Shas) ने लिकुड पार्टी को अपना समर्थन दे दिया था। इसके बाद नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को इज़रायल की संसद में मैजोरिटी मिल गई थी।
क्या है नेतन्याहू की वापसी के मायने?
नेतन्याहू इससे पहले 1996 से 1999 में और फिर 2009 से 2021 में इज़रायल के प्रधानमंत्री रह चुके है। लिकुड पार्टी के वरिष्ठ नेता और करीब 15 साल इज़रायल के प्रधानमंत्री रहे नेतन्याहू देश की सबसे राइट विंग पार्टी के लीडर है। ऐसे में उनकी वापसी से देश में राइट विंग विचारधारा और बढ़ेगी। नेतन्याहू हमेशा से ही देश की विदेश और वित्त नीति के प्रति सावधान रहे है और इसी की मुताबिक फैसले भी लिए हैं। ऐसे में इस बार भी नेतन्याहू का यही स्टैंड देखने को मिल सकता है। हालांकि देश के ज्यूडिशियरी सिस्टम को सरकार के क्षेत्र में लाया जा सकता है। अगर भारत और इज़रायल के संबंधों की बात की जाए, तो नेतन्याहू की वापसी के बाद ये और भी मज़बूत हो सकते हैं। इसकी वजह है भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र से नेतन्याहू के अच्छे संबंध और नेतन्याहू का हमेशा से ही भारत के प्रति मित्रवत रवैया।
Published on:
22 Dec 2022 01:36 pm
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