
भूटान: आम चुनाव में बड़ा उलटफेर, मतदान के पहले दौर में सत्तारूढ़ पार्टी को मिली पराजय
थिम्पू। भूटान के आम चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी को गहरा झटका लगा हैं। पहले दौर के मतदान में पिछड़ने के बाद के प्रधानमंत्री ने हार मानी स्वीकार कर ली। हार्वर्ड से शिक्षित शेरिंग टोबगे चुनाव जीती कर दूसरे कार्यकाल की आशा आकर रहे थे। भूटान चुनाव में पहले राउंड के बाद शेरिंग टोबगे की पार्टी पिछड़कर तीसरे नंबर पर आ गई। न्यामरूप शोगपा की पार्टी डीएनटी पहले नंबर पर है जबकि मुख्य विपक्षी दल डीपीटी दूसरे नंबर पर है । 18 अक्टूबर तक फाइनल रिजल्ट आने से पहले डीपीटी सत्ता में आने की मजबूत दावेदार मानी जा रही हैं।
बड़ा उलटफेर
चुनाव अधिकारियों ने कहा कि ड्रुक फुएनसम त्सोगोगा (डीपीटी), जिसने 2008 में लोकतंत्र में स्थानांतरित होने पर भूटान के पहले चुनाव में जीत हासिल की थी, को लगभग ९३ हजार वोट मिले हैं। इसने बेहद कम अंतर से डीएनटी को पीछे छोड़ा हैं। तीसरे चुनाव के पहले दौर में सत्ताधारी पार्टी को खारिज कर दिए जाने के बाद भूटान के प्रधान मंत्री ने रविवार को हार मान ली।
पीएम ने स्वीकार की हार
टोबगे ने अपनी हार स्वीकार करते हुए कहा ट्विटर पर लिखा, "मैं डीएनटी और डीपीटी और उनके उम्मीदवारों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के बधाई देता हूं।" माउंटेन बाइकिंग के शौक़ीन 52 वर्षीय उत्साही टोबगे और उनकी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने 2013 में सत्ता पाई थी।
बदलाव की राह पर भूटान
बता दें कि भूटान ने आधुनिकीकरण के दौर में पिछड़ने से बचने की कोशिश की है। भूटान ऐसा देश हैं जो जीडीपी में वृद्धि से अधिक "सकल राष्ट्रीय खुशहाली" सूचकांक को महत्व देता हैं। अपनी पर्यटन अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के लिए 250 डॉलर प्रति आगंतुक के दैनिक शुल्क के साथ भूटान पर्यटक संख्याओं को कम रखने ने सफल रहा है। ऐसा इसलिए किया गया ताकि देश के पर्यावरण को संरक्षित रखा जा सके। भ्रष्टाचार, ग्रामीण गरीबी, युवा बेरोजगारी और आपराधिक गिरोहों का प्रसार भूटान की अर्थव्यवस्था के लिए अब भी बड़ी चुनौतियां हैं। 8 लाख की आबादी वाले इस देश में 1999 में टेलीविजन आया और 2008 में सम्राट ने देश में डेमोक्रेसी का प्रवर्तन किया।
Published on:
17 Sept 2018 11:05 am
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