धमाके की आवाज सुनने बाद ही शपथ समारोह में हड़कंप मच गया। वहां मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई थी। राष्ट्रपति गनी के अंगरक्षकों ने भी उन्हें तुरंत घेर लिया। हालांकि, गनी ने वहां मौजूद लोगों का हौसला बढ़ाते हुए अपना संबोधन जारी रखा। गौरतलब है कि 29 फरवरी को अफगानिस्तान में अमरीका और तालिबान के बीच शांति समाझौता हुआ था। इस दौरान तालिबान ने वादा किया कि अब किसी तरह की हिंसा को अंजाम नहीं दिया जाएगा।
इस दौरान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि हम धमाकों से डरने वाले नहीं हैं। अगर अफगानिस्तान को मेरे बलिदान की जरूरत है तो वह खुद का बलिदान देने के लिए तैयार हैं। वहीं धमाकों के बाद अफगानिस्तान की प्रथम महिला और रूला गनी भी अपनी जगह उठकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया।
अब्दुल्ला ने भी खुद को राष्ट्रपति घोषित किया अफगानिस्तान में सियासी संकट देखने को मिल रहा हैै। अशरफ गनी के प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला-अब्दुल्ला ने खुद को राष्ट्रपति घोषित किया है। राष्ट्रपति पद पर दोनों दावेदारों के आमने-सामने आने के कारण तालिबान के साथ वार्ता की योजना के खतरे में पड़ने की आशंका पैदा हो गई है। अमरीका-तालिबान शांति समझौते पर करीब दो सप्ताह पहले हस्ताक्षर किए गए थे।
अफगान सरकार अपने को एकजुट करने असमर्थ बीते साल राष्ट्रपति चुनाव में शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच विवाद है कि वास्तव में जीत किसने हासिल की। इससे प्रतीत होता है कि अफगानिस्तान सरकार अपने को एकजुट पेश करने में असमर्थ रही है। अमरीका और तालिबान ने समझौते पर हस्ताक्षर किए तो वादा किया गया था कि अफगान लोग अपने देश के भविष्य के लिए एक रोड मैप तैयार करने के लिए आपस में बातचीत करेंगे। मगर ऐसा होता नहीं दिख रहा है।