
नर्ई दिल्ली। चीन के जियामेन शहर में आयोजित ब्रिक्स देशों के समिट में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रविवार को सभी ब्रिक्स देशों का स्वागत करते हुए आतंकवाद के खिलाफ एक समग्र लड़ाई लडऩे का आह्वान किया है। जिनपिंग ने कहा कि सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समग्र दृष्टिकोण अपनाए जाने की आवश्यक्ता है। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए आतंकवाद के लक्षण और मूल कारणों से निपटा जाना चाहिए ताकि आतंकियों को पनाह की कोई जगह मिल सके। बता दें कि पीएम मोदी ब्रिक्स समिट में भाग लेने चीन गए हुए हैं। आतंकवाद के मसले को समिट के दौरान न उठाने को लेकर चीन ने भारत पर दबाव डाला था, जिसके बाद लग रहा था चीन आतंकवाद के मसले को समिट से हटाना चाह रहा है, लेकिन आतंक के खिलाफ आई चीन की टिप्पणी एक बार फिर भारत की कूटनीतिक जीत के तौर पर देखी जा रही है। माना जा रहा है कि इसके चलते पीएम पाक आतंकवाद का मसला अधिक दमदार तरीके से उठा सकेंगे।
#WATCH Live via ANI Facebook: BRICS Plenary Session from Xiamen, China https://t.co/3mo97GEPcV#BRICSSummitpic.twitter.com/ECXujWhJSG
— ANI (@ANI) September 4, 2017
तीन दिवसीय ब्रिक्स सम्मेलन की हुई शुरुआत
बता दें कि चीन के जियामेन शहर में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और द. अफ्रीका) का समिट आयोजित किया जा रहा है। समिट के बिजनेस फोरम के उद्घाटन भाषण में शी चिनफिंग ने कहा कि ब्रिक्स देशों को भू-राजनीतिक मुद्दों को सुलझाने की प्रक्रिया में रचनात्मक हिस्सा लेकर उचित योगदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं इस बात से आश्वस्त हूं कि जब हम सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समग्र दृष्टिकोण अपनाएंगे और इसके लक्षण तथा मूल कारणों से निपटेंगे तब आतंकियों के छिपने की जगह नहीं होगी। हालांकि शी चिनफिंग की यह टिप्पणी अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में पाकिस्तान को अराजक एजेंटों का पनाहगाह बताए जाने के बाद आई है।
भारत मजबूती से उठाएगा आतंकवाद का मुद्दा
दरअसल, ब्रिक्स समिट में भारत भी आतंकवाद का मुद्दा जोर-शोर से उठाने वाला है। हालांकि समिट से पूर्व चीन की ओर से कहा गया था कि भारत द्वारा पाकिस्तान का आतंकवाद विरोधी मुद्दा ब्रिक्स इस फोरम के लिए उचित विषय नहीं है। इसके जवाब में भारत की ओर से कहा गया था कि मेजबान देश यह तय नहीं कर सकता कि मेहमान देशों को क्या मुद्दा उठाना है और क्या बोलना है। बता दें कि भारत के गोवा में हुए ब्रिक्स देशों के पिछले समिट में भारत आतंकवाद को मुद्दा उतनी मजबूती से नहीं उठा पाया था, जिसका कारण उस समय चीन और रसिया के अधिक नजदीकी बतार्ई गई थी।
Published on:
04 Sept 2017 09:20 am
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