
भारत और ईरान के बीच दूरियां संभव नहीं।
तेहरान। ईरान (iran) और चीन की नजदीकियां बढ़ती जा रही हैं। दोनों देशों के बीच हाल ही में 400 अरब डॉलर की डील इस बात का सबूत है कि दोनों देशों के बीच रिश्तों में मजबूती बढ़ती जा रही है। ऐसे में भारत के लिए ये खतरे संकेत हैं कि कहीं चीन उसे ईरान से दूर न कर दे। इस बीच ईरान ने भले ही चाबहार-जेहदानरेलवे प्रॉजेक्ट (Chabahar Railway Project) से भारत के हटने का खंडन किया है। मगर माना जा रहा है कि इसके पीछे खास रणनीति रही हैै।
दरअसल भारत और अमरीका के बीच की करीबी का फायदा ईरान उठाने की कोशिश कर रहा है। वह भारत को मिलने वाली छूट का फायदा उठाना चाहता है। चीन के साथ भारत के कई मामलों में विवाद है। अमरीका के साथ कोरोना वायरस (Coronavirus) से लेकर दक्षिण चीन सागर तक कई मामले पर चीन से तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।
चीन से नजदीकी, भारत से दूरी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईरान चीन के साथ बड़ी डील कर रहा है जबकि वह इस बात से नाराज है कि भारत ने अमरीकी प्रतिबंधों का पालन किया और ईरान से तेल आयात रोक दिया। उसका मानना है कि चाबहार में भारत दिलचस्पी नहीं ले रहा। हालांकि, ईरान ने इन खबरों को मात्र अफवाह करार दिया है। ईरान और चीन की नजदीकी को लेकर भारत तल्खी नहीं जाहिर कर रहा। इस बात की संभावना जताई जा रही है कि तेहरान और नई दिल्ली के बीच 2026 में यह समझौता 10 साल का हो जाएगा। इसके पूरे होने के बाद चीन इसे बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव के तहत ले लेगा।
देश के अंदर मिले-जुले विचार
ऐसे में सवाल ये उठे रहे हैं कि ईरान एकसाथ चीन और भारत के साथ संतुलन कैसे बैठाएगा। दरअसल भारत के उसके विरोधियों,अमरीका और इजरायल के साथ बेहतर संबंध हैं। वहीं चीन से संबंधों में तनाव है। ईरान में एक बड़े तबके का मानना है कि ईरान एक सेफ गेम खेलना चाहता है। वह चीन और भारत से एक-साथ व्यापार करना चाहता है। हालांकि,देश में कुछ संगठन हैं जो भारत सरकार के साथ संबंधों के पक्ष में नहीं हैं।
भारत से रिश्ते तोड़ना विनाशकारी
दूसरी ओर, भारत के चाबहार प्रॉजेक्ट से जुड़े होने की वजह से अमरीका ने प्रतिबंधों में छूट दे रखी है। ईरान के लिए निवेश का खास मौका है, जिससे उसे राहत मिल सकती है। ऐसे में ईरान यह नहीं चाहेगा कि भारत इस प्रॉजेक्ट से बाहर हो। इससे प्रतिबंधों में छूट भी हाथ से जा सकती है।
मजबूत साथी की तरह मानते थे
दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंध भी रहे हैं। ईरान भारत का पुराना दोस्त रहा है। ईरान के कमांडर कासिम सुलेमान भारत को एक मजबूत साथी तरह मानते थे। माना जाता है उनकी नीति को रेवलूशनी गार्ड अभी मानती हैं। इसके साथ ईरान के लिए भारत सैन्य उपकरण का संभावित स्रोत रहा है। ऐसे में चीन और भारत दोनों के साथ ईरान एक संतुलित संबंध कायम करना चाहता है।
Updated on:
25 Jul 2020 10:03 pm
Published on:
25 Jul 2020 09:24 pm
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