ईरान: संसदीय चुनाव के लिए शुक्रवार को वोटिंग, हिजाब विरोधी कार्यकर्ता ने मतदान का किया बहिष्कार ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को हुबेई में 1700 नए मामलों की पुष्टि हुई थी, मगर गिनने के तरीके को बदले जाने के बाद गुरुवार को सिर्फ 349 नए मामलों को ही सामने रखा गया। इस तरह से चीन की तरफ से जारी किए आंकड़ों पर संदेह बढ़ता जा रहा है। इससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या चीन आंकड़ों की बाजीगिरी कर सच को छिपाने की कोशिश कर रहा है।
अबतक 2000 से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना वाइरस से चीन में अब तक 2000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 70 हजार से ज्यादा लोगों में इसके संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है मगर अब तक चीन की तरफ से जारी किए जा रहे आधिकारिक डेटा को लेकर संदेह बढ़ने लगा है। दरअसल, कोरोना वाइरस से चीन की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि सार्स वाइरस के प्रकोप के वक्त उसकी जीडीपी में एक फीसदी से ज्यादा गिरावट दर्ज हुई थी। वहीं कोरोना सार्स से कई गुना ज्यादा घातक साबित हो रहा है। ब्लूमबर्ग ने हुबेई की तरफ से कोरोना वाइरस को लेकर जारी किए गए डेटा पर स्पष्टीकरण मांगा था। चीन के नेशनल हेल्थ कमिशन और हुबेई के प्रांतीय स्वास्थ्य आयोग ने सवालों के जवाब नहीं दिए।
गिरावट का कोई स्पष्टीकरण भी नहीं दिया हुबेई में कोरोना वायरस के संक्रमण के नए मामलों में एक ही दिन में 500 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट को लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया। बुधवार को ही संक्रमण के मामलों को गिनने के लिए नई नेशनल गाइडलाइन जारी की गई थी। इसमें सिर्फ 2 आंकड़ों को ही देखा गया है-पुष्ट मामले और संदिग्ध मामले। चीन के दूसरे राज्य पहले से ही काउंटिंग में यही तरीका अपना रहे थे।