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हांगकांग पर चीन का नया खेल, क्या है ड्रैगन की मंशा

हांगकांग एक स्वायत्त क्षेत्र है।
चीन का दावा है कि 1843 में ब्रिटेन से हांगकांग को खरीदा था।
हांगकांग में लोगों ने चीन का कई बार जता चुके हैं विरोध।

नई दिल्लीMay 02, 2019 / 11:49 am

Anil Kumar

चीन

हांगकांग पर चीन का नया खेल, क्या है ड्रैगन की मंशा

नई दिल्ली। दक्षिण-पूर्वी चीन स्थित हांगकांग ( Hong Kong ) एक स्वायत्त क्षेत्र है, हालांकि इसपर चीन अपना दावा करता रहा है। हांगकांग एक समृद्ध स्टेट है, जिसकी सीमाएं समुद्र से होकर लगती है। हांगकांग के उत्तर में गुआंग्डोंग और पूर्व, पश्चिम और दक्षिण में दक्षिण चीन सागर मौजूद है। हांगकांग एक वैश्विक महानगर और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र होने के साथ-साथ एक उच्च विकसित पूंजीवादी अर्थव्यवस्था है। ऐसे में व्यापारिक दृष्टि से देखें तो हांगकांग चीन के लिए बहुत ही लाभदायक स्टेट साबित हो सकता है। लिहाजा किसी भी कीमत पर चीन अपना दावा इसपर से नहीं छोड़ना चाहता है। चीन अपनी विस्तारवादी और पूंजीवादी नीति के लिए जाना जाता है। चीन अपनी योजनाओं के जरिए हांगकांग पर पूर्ण रूप से कब्जा करना चाहता है। इसके लिए हांगकांग की कानून व्यवस्था को बदलने की भी कोशिश कर चुका है। बीते रविवार को भी चीन ने प्रत्यर्पण की अनुमति की एक सरकारी योजना को लागू करने की सिफारिश की जिसको लेकर हांगकांग के लाखों लोग विरोध में सड़कों पर उतर आए। लोगों को आशंका है कि यह प्रस्ताव हांगकांग की अंतरराष्ट्रीय ( International ) पहचान को नुकसान पहुंचाएगा और लोगों को चीन की भेदभावपूर्ण अदालतों में फंसाएगा।

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हांगकांग पर चीन का दावा

दक्षिण-पूर्वी चीन स्थित हांगकांग एक स्वायत्त क्षेत्र है जो पूर्व में ब्रिटिश उपनिवेश रहा है, लेकिन चीन इसे अपना बताता रहा है। हालांकि हांगकांग के लोग अपने को स्वतंत्र मानते हैं। चीन अपनी विस्तारवादी नीति के तहत हांगकांग पर अपना दावा जताता रहा है। चीन का कहना है कि हांगकांग को ब्रिटेन से 1843 में खरीदा था। चीन ने हांगकांग को ब्लैक वार जीतने के बाद लिया था। उसके बाद न्यू कोव लंच और लैंडो ने उसे 99 वर्ष कि लीज पर छोड़ा था। बाद में द्वितीय विश्वयुद्ध ( second world war ) के समय जापान ने उसे ले लिया था और जब जापान के सैनिक हार गए तो वहां क्रांति आ गई। ऐसा भी कहा जा रहा है कि 19 दिसंबर, 1984 को चीन और ब्रिटेन ने हांगकांग ट्रांसफर एक्सचेंज पर हस्ताक्षर किए थे। अभी वर्तमान समय में देखें तो हांगकांग की प्रशासनिक व्यवस्था ‘एक देश, दो नीति’ के अंतर्गत और बुनियादी कानून के अनुसार संचालित होता है। हांगकांग के सभी क्षेत्रों में ‘उच्च स्तर की स्वायत्तता’ प्राप्त है, केवल विदेशी मामलों और रक्षा को छोड़कर, जो जनवादी गणराज्य चीन सरकार की जिम्मेदारी है। हांगकांग की अपनी मुद्रा, कानून प्रणाली, राजनीतिक व्यवस्था, अप्रवास पर नियंत्रण, सड़क के नियम हैं और चीन से अलग यहां की रोजमर्रा के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलु हैं।

 

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