13 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चीन की ओछी चाल, भारतीय श्रद्धालुओं को मानसरोवर झील में डुबकी लगाने से रोका

चीन ने कैलास मानसरोवर यात्रा पर गए भारतीय श्रद्धालुओं को पवित्र मानसरोवर झील में स्नान करने से रोक दिया है।

2 min read
Google source verification

image

Mohit sharma

May 28, 2018

 Kailash Mansarovar

चीन की ओछी चाल, भारतीय श्रद्धालुओं को मानसरोवर झील में डुबकी लगाने से रोका

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा के दौरान भले ही चीन ने भले ही फिर से 'हिन्दी-चीनी भाई' का राग अलापा हो, लेकिन बावजूद इसके वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। इस बार चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गए भारतीय श्रद्धालुओं को पवित्र मानसरोवर झील में स्नान करने से रोक दिया है। भारतीय श्रद्धालुओं ने आरोप लगाया है कि चीनी अधिकारी उन्होंने मानसरोवर झील में स्नान नहीं करने दे रहे।

हरियाणा में सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी 'आप', कांग्रेस के साथ समझौते से इनकार

डोकलाम विवाद के बाद बंद हो गया था मार्ग

दरअसल, चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए भले ही नाथू ला मार्ग को खोल दिया, लेकिन अभी वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। मानसरोवर यात्रा पर पहुंचे भारतीय श्रद्धालुओं ने सोशल मीडिया पर अपना फोटो शेयर कर इस बात की जानकारी दी। बता दें कि पिछले दिनों विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने खुद इस बात की घोषणा की थी कि चीन ने पवित्र मानसरोवर यात्रा के लिए चीन ने नाथू ला मार्ग को खोल दिया है।

साइबर क्रिमनल्स के निशाने पर आई भाजपा, नाम का इस्तेमाल कर बनाई पॉर्न वेबसाइट

असल में तिब्बत स्थित कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को नेपाल से होकर जाना होता है। क्योंकि पिछले साथ डोकलाम विवाद के बाद चीन ने नाथू ला मार्ग को बंद कर लिया था, जिससे भारतीय श्रद्धालुओं को भारी समस्या का सामना करना पड़ा था। बीते दिनों विदेश राज्य मंत्री वी.के. सिंह ने लोकसभा को सूचित किया था कि चीन की सरकार ने वर्ष 2017 में नाथू ला मार्ग पर सुरक्षित और सुचारु यात्रा के लिए स्थिति अच्छी नहीं होने का हवाला दिया था जिसके बाद इस मार्ग से यात्रा बहाल नहीं किया जा सका। सिंह ने कहा था कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी पिछले वर्ष दिसंबर में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से इस बाबत चर्चा की थी, जिसके बाद चीन ने इस मार्ग पर यात्रा बहाल करने की अनुमति दी थी।