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वीजा नियमों को लेकर…चीन ने कसा पाकिस्तान पर शिकंजा

पाक व्यापारियों को चीन के मुकाबले यूरोपीय देशों और अमरीका का वीजा आसानी से मिल जाता है।

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China tightening visa rules for Pakistanis businessman

China tightening visa rules for Pakistanis businessman

कराची। चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के चलते बड़ी तादाद में चीनी नागरिक पाकिस्तान आ रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में 71,000 चीनी नागरिकों ने पाकिस्तान का दौरा किया और उस साल 27,596 वीजा एक्सटेंशन दिए गए, जो एक साल पहले की तुलना में 41 प्रतिशत अधिक था। वहीं चीन जाने वाले पाकिस्तानी व्यापारियों को सिंगल इंट्री और केवल तीन महीने की वैधता वाला वीजा भी बामुकिश्ल मिल पाता है। ऐसे में पाकिस्तानी व्यापारी चीन के साथ व्यापार को लेकर काफी हताश और निराश नजर आते हैं।

पाक व्यापारियों ने बयां किया दर्द
पाकिस्तान साबुन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (पीएसएमए) के अध्यक्ष अब्दुल्ला झाकी के मुताबिक चीनी सरकार को अपनी नीति की समीक्षा करनी चाहिए और कम से कम एक वर्ष की वैधता अवधि के साथ व्यापारियों को बहु-प्रवेश वीजा देना चाहिए। साथ ही साथ चीनी वीजा हासिल करने के लिए बोझिल और जटिल प्रक्रियाओं को सरल बनाने की मांग की।

अमरीका के मुकाबले ज्यादा कठिन है नियम
कराची चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केसीसीआई) के अध्यक्ष शमीम फिऱो के मुताबिक दोस्ताना द्विपक्षीय संबंधों को देखते हुए पाकिस्तान के व्यापारी समुदाय के लिए वीजा के नियम और अन्य विनियमों को सुलझाया जाना चाहिए। चीन के वीजा नियमों पर अफसोस जताते हुए शमीम कहते हैं कि यह संयुक्त राज्य अमरीका के मुकाबले अधिक कठोर होते जा रहे हैं।

वीजा पाने में आती हैं ये कठिनाई
पाकिस्तानी व्यापारियों को नए नियमों के तहत वीज़ा के लिए आवेदन करने से पहले चीनी कंपनी से आमंत्रण प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। वहीं चीन में कंपनियों को ऐसे निमंत्रणों की संख्या में कमी करने को कहा गया है। चीनी सरकार के आदेश के बाद अब कोई भी कंपनी प्रति माह पांच विदेशी पर्यटकों को ही निमंत्रण दे सकती है। ऑटो पाट्र्स का आयात करने वाले व्यापारी के मुताबिक बीते दो सालों से चीनी सरकार पहली बार वीजा आवेदन करने वालों और जिन लोगों ने दो साल से चीन का दौरा नहीं किया है, उनसे पुलिस कैरक्टर सर्टिफिकेट की मांग रही है। ऐसे में उन्हें ट्रैवेल एजेंट के जरिए पहली बार वीजा बनवाने के लिए को 1,00,000 रुपए और नियमित रूप से चीन जाने वाले को 35,000-40,000 रुपये देने पड़ते हैं।

चीनी दूतावास ने खड़े किए हाथ
केसीसीआई ने इस मामले को इस्लामाबाद में चीनी दूतावास और कराची में वाणिज्य दूतावास के साथ उठाया है। लेकिन उन्होंने थोड़ी सी मदद की पेशकश करते हुए कहा कि वे केवल बीजिंग नीति का पालन कर रहे हैं। चीनी वीजा हासिल करने में आ रही कठिनाई को देखते हुए पाकिस्तानी व्यापारियों में यह आम धारणा बनती जा रही है कि चीन की बजाय यूरोपीय देशों और अमरीका में जाना ज्यादा आसान है। वीजा पाने के लिए यदि कोई पाक नागरिक एजेंट की बजाय संबंधित अधिकारियों से सीधे संपर्क करने की कोशिश करता है तो उसे और ज्याद मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।