
Chinese Army PLA Increased Activities Near LAC In Uttarakhand After Ladakh, India Is Fully Prepared To Retaliate
नई दिल्ली। अपनी नापाक हरकतों के लिए विख्यात चीन ने एक बार फिर से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत के खिलाफ नई चाल चलने की फिराक में है। पिछले एक साल से भी अधिक समय से लद्दाख में भारत-चीन में जारी विवाद के बीच अब चीन ने उत्तराखंड में एलएसी के करीब अपनी गतिविधियां बढ़ा दी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, हाल ही में चीनी सेना पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) की एक टुकड़ी को उत्तराखंड के बाराहोती इलाके में सक्रिय देखा गया था। सूत्रों ने बताया है कि पीएलए की 35-40 सैनिकों वाली एक टुकड़ी को उत्तराखंड के बाराहोती इलाके के आसपास सर्वेक्षण करते देखा गया था। उत्तराखंड के बाराहोती इलाके को LAC के सेंट्रल सेक्टर के नाम से भी जाना जाता है।
वहीं, दूसरी तरफ चीन की इस नापाक हरकतों पर भारत की पैनी नजर है और सूत्रों ने बताया है कि भारत ने चीन के हर हरकत का जवाब देने के लिए उस इलाके में अपने पर्याप्त इंतजमा कर लिए हैं।
भारत भी हर मोर्चे पर तैयार
सूत्रों ने बताया है कि चीन की हरकतों को देखकर लगता है कि इस क्षेत्र में कुछ बड़ी गतिविधियां करना चाहता है। LAC पर चीनी सेना ने अपने एयरबेस पर एक्टिविटी बढ़ा दी है, जहां कई ड्रोन और हेलीकॉप्टर्स ऑपरेट कर रहे हैं। लेकिन भारत की सेना इस मोर्च पर पूरी तरह से तैयार है। भारत ने पूरे मध्य सेक्टर में अपनी तैयारी मजबूत कर ली है।
सूत्रों के अनुसार, अभी हाल ही में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और केंद्रीय सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाई डिमरी ने चीन के साथ केंद्रीय क्षेत्र की सीमा का दौरा किया है और वहां की स्थिति और परिचालन तैयारियों की समीक्षा की है।
भारत ने केंद्रीय क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिक तैनात किए हैं और कई रियर फॉर्मेशन वहां आगे बढ़े हैं। सूत्रों ने बताया है कि भारतीय वायुसेना ने भी कुछ एयरबेस एक्टिव किए हैं। इनमें चिन्यालीसौंड एडवांस लैंडिंग ग्राउंड शामिल है। इस एय़रबेस पर लगातार एन-32 लैंडिंग कर रहे हैं। इसके अलावा, चिनूक हैवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर भी उस क्षेत्र में काम कर रहे हैं।
भारत-चीन में बढ़ी दूरियां..
आपको बता दें कि भारत-चीन के बीच पिछले साल से तनाव अधिक बढ़ गया है। दोनों देशों के 50 हजार से अधिक सेना LAC के करीब तैनात हैं। हालांकि, जारी विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों की सेना वार्ता कर रही है। कई मोर्चों पर सहमति बनी भी है, लेकिन चीन लगातार सहमति बनने के बाद भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।
बीते दिनों SCO की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन (चीनी विदेश मंत्री वांग यी) को स्पष्ट शब्दों में खरी-खरी सुनाते हुए कहा था कि सीमा विवाद सुलझनेे में देरी होने से दोनों देशों के रिश्तों में दूरियां बढ़ रही है और रिश्ते खराब हो रहे हैं।
Updated on:
21 Jul 2021 07:16 pm
Published on:
21 Jul 2021 07:12 pm
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