विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच गुरुवार की शाम अहम समझौता हुआ। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक से अलग जयशंकर और वांग ने मॉस्को में मुलाकात की। ऐसा बताया जा रहा हैै कि भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा एलएसी पर चीनी सेना के बर्ताव को लेकर पूरी तरह से सजग है।
दोनों मंत्री के बीच हुई वार्ता में तय हुआ है कि चीन-भारत सीमा मामले में समझौतों और नियमों का पूरी तरह से पालन करेंगे। हालांकि, इस समझौते में सैनिकों के पीछे हटने की समय सीमा का कोई जिक्र नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि लद्दाख के चुशूल में ब्रिगेड कमांडर स्तर की बातचीत करीब चार घटें तक चलती रही। दोनों सेनाओं के बीच यह वार्ता शुक्रवार सुबह 11 बजे तक शुरू हुई। ये दोपहर तीन बजे समाप्त हुई। इस बात की जानकारी भारतीय सेना ने दी है।
अगले सप्ताह की शुरुआत में कोर कमांडर स्तर की बातचीत हो सकती है। इसमें सीमा विवाद के हल हो लेकर कई नए समझौते पर चर्चा होनी है। गत सोमवार को एलएसी पर दोनों सेनाओं के बीच दोबारा गतिरोध हुआ। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाया। आपको बता दें कि टकराव के बाद दोनों पक्षों ने एलएसी पर बड़ी संख्या में सेना को तैनात किया है। यहां पर हथियारों और आधुनिक विमानों की खेप मौजूद है।
भारतीय सेना ने बीते कुछ दिनों में पैंगोंग सो क्षेत्र के कई अहम इलाकों पर अपना दबदबा कायम किया है। यहां से चीन के ठिकानों पर आसानी से नजर रखी जा सकेगी। सूत्रों के अनुसर फिंगर-4 इलाके में मौजूद चीनी सैनिकों पर लगातार नजर रखी जा रही है। पर्वत की चोटियों और सामरिक ठिकानों पर भारतीय सेना मजबूत स्थिति में वहां तैनात है।