
कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है।
बीजिंग। चीन में जहां नोवल कोरोना वायरस (Coronavirus Outbreak) से मौतों और संक्रमित लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है, वहीं इससे निपटने के लिए हर संभव प्रयास में तेजी देखी जा रही है। इसी क्रम में कई लोग, खासकर के इस बीमारी से लड़ रहे रोगियों और डॉक्टरों में मानसिक समस्याएं (Mental Health Problems) विकसित हो रही हैं। इसी को देखते हुए चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने दो फरवरी को एक नोटिस जारी कर स्थानीय एजेंसियों को मानसिक सहायता और परामर्श मुहैया कराने का आग्रह किया था। इसका उद्देश्य इस बीमारी से परेशान लोगों के आक्रामक व्यवहार और मानसिक समस्याओं को नियंत्रित करने का था।
यह महामारी कई मेडिकल कर्मचारियों के लिए एक मानसिक समस्या
बीजिंग स्थित मनोरोग अस्पताल हुइगुआंग के अध्यक्ष यांग फ्युड ने कहा, 'यह महामारी कई मेडिकल कर्मचारियों के लिए एक मानसिक समस्या बन गई है। और हम इसपर काफी ध्यान दे रहे हैं।' यांग ने कहा कि पहले के अनुभव और राष्ट्रीय मानक के आधार पर मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेप के मामले में, पहला कदम लोगों का वर्गीकरण करने का है।
डॉक्टरों को सबसे ज्यादा मनोवैज्ञानिक परामर्श की जरूरत
उन्होंने कहा, 'कोरोना वायरस से संक्रमित हजारों रोगी और इसका इलाज कर रहे डॉक्टरों को सबसे ज्यादा मनोवैज्ञानिक परामर्श की जरूरत है। दूसरा वर्ग उन लोगों का है, जिनमें वायरस से संक्रमण होने की संभावना ज्यादा है और जो संक्रमित लोगों के संपर्क में हैं। तीसरा वर्ग संक्रमित लोगों का परिवार है और चौथा वर्ग इस संक्रमण से डरे और घबराए हुए आमजन हैं।'
अफवाहों से न घबराने की जरूरत
अस्पताल के मनौविज्ञान संकट हस्तक्षेप अनुसंधान केंद्र के उपनिदेशक लियांग होंग ने कहा, 'इस बाबत मदद की गुहार लगाने वाले अधिकतर लोगों में डर और चिंता है। इनमें से कुछ लोगों को साधारण खांसी या बुखार होने की स्थिति में कोरोना वायरस से ग्रसित होने का डर सता रहा है।' वांग ने कहा कि इस संकट को देखते हुए लोगों को इस बात का ध्यान रखना है कि वे विश्वस्त खबरों पर ही भरोसा करें और बिना घबराए गलत सूचनाओं से दूर रहे।
Updated on:
11 Feb 2020 12:13 pm
Published on:
11 Feb 2020 12:03 pm
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