माउंट एवरेस्ट पर पर्वतारोहियों ने लगाया ‘जाम’, नेपाल सरकार से परमिट पर नियंत्रण की मांग
चार भारतीय नागरिकों की मौत
बता दें कि माउंट एवरेस्ट फतह करने के लिए चढ़ाई करने के सत्र की शुरुआत 14 मई को हुई थी, जो कि आने वाले शुक्रवार को समाप्त हो जाएगा। इस दौरान अब तक चढ़ाई करने के दौरान विभिन्न कारणों से चार भारतीय नागरिकों की भी मौत हो गई है। इसमें से दो की मौत कंचनजंगा और दो की मकालु में हुई थी। हालांकि हिमालय में अब तक कुल 8 भारतीय पर्वतारोहियों की मौत हो चुकी है। चढ़ाई करने के लिए सबसे पूरे विश्व में से भारत के सबसे अधिक 78 पर्वतारोही इस अभियान में शामिल हैं। 22 मई तक 220 पर्वतारोहियों ने चोटी पर पहुंच कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। 20 मई से शुरू होने वाले सप्ताह के दौरान पर्वतारोहियों की भीड़ शिखर पर एक कतार में फंस गई। पर्वत पर 8,000 मीटर (26,247 फीट) की ऊंचाई पर कैंप लगाया गया। माउंट एवरेस्ट का शिखर 8,848 मीटर (29,029 फीट) ऊंचा है। बहुत सारे पर्वतारोही अतिरिक्त ऑक्सीजन की आपूर्ति के बिना ही रहे और जिस क्षेत्र में जाम लगा था उसे डेथ जोन कहा जाता है। बता दें कि 2018 में पांच लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 2016 और 2017 में क्रमश: 6 व 5 लोगों की मौत हुई थी। 2015 में भयानक हादसे में 20 पर्वतारोहियों की मौत हुई थी।
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