
कोलंबो। श्रीलंका ने शनिवार को होटलों और चर्चों पर हुए ईस्टर बम धमाकों ( Easter bomb blasts) के बाद सुरक्षा बलों को आपातकालीन शक्ति प्रदान करने वाले एक कानून को लगातर तीसरे महीने के लिए बढ़ा दिया है। इन हमलों में 250 से अधिक लोग मारे गए थे। आपातकाल ( Emergency ) लागू रहने से सुरक्षा बलों को अदालत के आदेशों के बिना संदिग्धों को हिरासत में रखने और पूछताछ करने की अनुमति मिल गई है।
बताया जा रहा है कि श्रीलंका की पुलिस और सेना ने आतंकवादी हमलों के बाद देश भर से 100 से अधिक संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। सिरीसेना ने देश में हुए भयावह आतंकवादी हमले के एक दिन बाद 22 अप्रैल को आपातकाल की घोषणा की थी।
राष्ट्रपति ने जारी किया आदेश
राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने आधी रात से कानून को एक और महीने के लिए बढ़ाए जाने के आदेश जारी किए। उधर अधिकारियों का कहना है कि नए हमलों का खतरा कम हो गया है और सुरक्षा बलों ने बम विस्फोटों से जुड़े अधिकांश नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया है। लेकिन शेष संदिग्धों की तलाश के लिए ऑपरेशन अभी भी जारी हैं। राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने इमरजेंसी बढ़ाने की अधिसूचना में कहा कि आपातकालीन नियम का विस्तार करना "सार्वजनिक सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था के संरक्षण और आवश्यक सेवाओं के रखरखाव के हित में है ।"
भारत की चेतावनी के बावजूद फेल हुआ इंटेलिजेंस नेटवर्क
भारत की तीन अग्रिम खुफिया रिपोर्टों के बावजूद श्रीलंका का इंटेलिजेंस इस हमले को रोक पाने में नाकाम रहा। श्रीलंका के शीर्ष रक्षा अधिकारी आतंकवादियों द्वारा ईस्टर पर आत्मघाती बम विस्फोट से पहले कार्य करने में विफल रहे और आतंकियों ने तीन चर्चों और तीन लक्जरी होटलों को निशाना बनाया। इस्लामिक स्टेट ( IS ) ने उन हमलों के लिए जिम्मेदारी का दावा किया।
बता दें कि इन हमलों में 42 विदेशी नागरिकों सहित 250 से अधिक लोग मारे गए थे। सिरीसेना ने मई में विदेशी राजनयिकों को बताया था कि जैसे ही देश 99% सामान्य अवस्था में लौट आएगा, इमरजेंसी हटा ली जाएगी।
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Updated on:
23 Jun 2019 07:35 am
Published on:
22 Jun 2019 11:56 pm
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