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प्रवासी राहत शिविरों में रहने वाले बच्चों ने क्यों कहा- हमें मौत चाहिए

सिर्फ 2000 के लिए बनाया गए कैंप में आज रहे हैं 18,000 लोग आत्महत्या का प्रयास करने वाले बच्चों की बढ़ती संख्या

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एथेंस। ग्रीक में एक प्रवासी शिविर में बच्चों की हालत बेहद खराब है। किशोरों के इस प्रवासी शिविर में बच्चों का कहना है कि 'वे मरना चाहते हैं।' मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि इस कैंप में ज्यादातर बच्चे अब सूसाइडल हो गए हैं।

शिविर में हो रहा है जनसंख्या विस्फोट

मोरिया नाम के इस शिविर में 18,000 लोग वर्तमान में रह रहे हैं, जो सिर्फ 2000 के लिए बनाया गया था। यहां काम कर रहे कई मनोवैज्ञानिकों का कहना कि इस कैंप में आत्महत्या करने और आत्महत्या का प्रयास करने वाले बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है।

इसलिए कर रहे हैं आत्महत्या

हाल के महीनों में एजियन द्वीपों पर पहुंचने वाले शरणार्थियों में काफी बढ़ोतरी हुई है। शिविर में ऐसे कई परिवार आकर जुड़े हुए हैं, जो युद्ध से भाग रहे हैं। ऐसे में इन्हें संभलने का मौका भी नहीं मिल रहा है। कई बच्चे पूरे दिन दीवारों पर सर टिकाकर खड़े रहते हैं। बच्चों के जेहन युद्ध की वो भयानक तस्वीरें नहीं जा रही हैं, जिसके चलते उनके परिवार तबाह हो गए या बिछड़ गए।

बच्चों के लिए खुले स्कूल

हालांकि, इनके सुधार के लिए काफी कदम उठाए जा रहे हैं। कैंप में पहले स्कूल नहीं था, जो कि अब खुला है। कैंप में मौजूद स्कूल में हजारों की संख्या में बच्चे हैं। तीन टीचर हैं, जो बच्चों के हृदय परिवर्तन को लेकर काम कर रहे हैं। उन्हें समझाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।