
इमरान खान और मार्क जुकरबर्ग।
कराची। पाकिस्तान (Pakistan) के पीएम इमरान खान (Imran Khan) बीते कई दिनों से इस्लाम को लेकर कई लोगों पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने इस बार फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को पत्र लिखकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस्लामोफोबिक सामग्री पर प्रतिबंध लगाने को कहा है।
भारत के नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को याद करते हुए खान ने कहा कि मुस्लिमों को उनके नागरिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।
जुकरबर्ग को लिखे पत्र में इमरान ने कहा कि बढ़ता इस्लामोफोबिया दुनियाभर में चरमपंथ और हिंसा को प्रोत्साहित कर रहा है। खासकर फेसबुक जैसे प्लेटफार्म से इसे और बढ़ावा मिल रहा है।
इस्लामोफोबिया की होलोकॉस्ट से तुलना कर पाक पीएम पीएम ने फेसबुक के सीईओ से इस्लामोफोबिया और इस्लाम के विरुद्ध फैल रही नफरत पर पाबंदी लगाने की मांग की है।
फेसबुक ने 12 अक्तूबर को अपने एक बयान में विकृत करने वाली किसी भी सामग्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए अपनी नीति को बदलने का ऐलान किया था।
अपने पत्र में पाक पीएम ने कहा, वे होलोकॉस्ट की आलोचना या उसपर सवाल करने वाले किसी पोस्ट पर पाबंदी की सराहना करता हूं। आज हम दुनिया के विभिन्न हिस्सों में मुसलमानों के खिलाफ ऐसी चीजें होते हुए देख रहे हैं।
सीएए और एनआरसी को 'मुस्लिम विरोधी कानून' करार देते हुए, पाक के पीएम ने लिखा, इस तरह के उपाय, साथ ही मुसलमानों की हत्या और कोरोना वायरस के लिए मुसलमानों को दोषी ठहराया जाना इस्लामोफोबिया को दर्शाता है।
इससे पहले, इमरान खान ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर इस्लाम करने का आरोप लगाया था। इमरान ने ट्वीट कर कहा था कि यह बेहद ही दुखद है। उन्होंने कहा कि मैक्रों ने इस्लाम के खिलाफ या इस्लामोफोबिया को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि मैंक्रों को अगर परेशानी है तो उन्हें इस्लाम से नहीं बल्कि आतंकवाद से होना चाहिए।
Updated on:
26 Oct 2020 02:37 pm
Published on:
26 Oct 2020 02:31 pm
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