
इमरान खान।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (Imran khan) लगातार जनता का विरोध झेल रहे हैं। चाहे वह डूबती अर्थव्यवस्था हो या विदेश नीति हर मामले में जनता उन्हें जमकर कोस रही है। हाल ही में एक वाक्या चीन के वुहान शहर में हुआ था, जब पाकिस्तानी छात्र कोराना वायरस (Coronavirus) के खतरे को देखते हुए स्वदेश लौटने की मांग कर रहे थे। मगर इमरान सरकार ने इस मामले में बेहद नाकारात्मक रवैया पेश किया।
उन्होंने छात्रों को कोई मदद नहीं भेजी और स्वदेश लाने से साफ मना कर दिया। छात्र इस दौरान इमरान सरकार से रहम की भीख मांगते रहे मगर उन्हें कोई मदद नहीं दी गई। इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें छात्र भारत से मदद मांगते दिख रहे हैं। इस वीडियो से पाक की काफी किरकिरी हुई। इमरान की इस हरकत की हर कोई आलोचना कर रहा है। खासकर सोशल मीडिया पर वह काफी ट्रोल हो रहे हैं। इससे बचने के लिए उन्होंने एक सोशल मीडिया की टीम तैयार की है। बताया जा रहा है कि इस टीम का मकसद सोशल मीडिया पर सरकार का बचाव करना है।
4.2 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है
इमरान सरकार ने सूचना व प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत एक डिजिटल मीडिया विंग को तैयार करने का फैसला लिया है। इसके लिए 4.2 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। इस विंग का काम सोशल मीडिया पर नजर रखना और पीटीआई सरकार का बचाव करना होगा। यह पैसा टैक्स पेयर्स की जेब से जा रहा है तो इसको लेकर लोगों में खासी नाराजगी है।
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार इस डिजिटल मीडिया विंग में 27 लोगों को रखा गया है। ये सोशल मीडिया पर इमरान सरकार के फैसले का बचाव करेंगे। यह सत्तारूढ़ पीटीआई के आलोचकों से निपटने के साथ इमरान सरकार की नीतियों का भी बखान करेंगे।
इमरान ने लगाया जुगाड़
बताया जा रहा है कि बजट में ऐसे किसी आवंटन का जिक्र नहीं था। इसके बावजूद इस विंग को तैयार किया गया है। इमरान ने इस विंग में अपने लोगों को काम पर लगाया है। इमरान की विशेष सहायक डॉ.फिरदौस आशिक अवान की मानें तो पूरक बजट वित्त मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। वह कहती हैं कि ईसीसी ने डिजिटल मीडिया विंग के बजट का फैसला पीएम इमरान खान पर छोड़ दिया था।
Updated on:
18 Mar 2020 05:11 pm
Published on:
18 Mar 2020 08:13 am
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