
इमरान खान।
इस्लामाबाद। जम्मू-कश्मीर (Jammu kashmir) से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से इमरान खान सरकार बौखलाई हुई है। इस परिवर्तन के बाद से पाक कश्मीर के मुद्दे को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की कोशिश कर चुका है। मगर उसे अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। अब इमरान खान (Imrankhan) कब्जे वाले कश्मीर में नया पैंतरा चलने की तैयारी में हैं। इमरान ने पीओके को पाकिस्तान (Pakistan) में मिलाने की प्रक्रिया पर गुपचुप काम करना शुरू कर दिया है।
पीओके के पीएम भी जता चुके हैं आशंका
पहले कदम में ‘आजाद जम्मू एंड कश्मीर मैनेजमेंट ग्रुप’ का नाम बदलकर ‘जम्मू एंड कश्मीर एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस’ कर दिया गया है। इसका नोटिफिकेशन 11 दिसंबर काे जारी हुआ। इससे कुछ दिन पहले ही पीओके के पीएम फारूक हैदर खान ने कहा था कि वह पीओके के अंतिम पीएम हो सकते हैं। इमरान ने पीओके का दर्जा बदलने का कानूनी आधार तैयार करने के लिए संबंधित विभागाें काे निर्देश दे दिया है।
पांचवां प्रांत हो सकता है पीओके
बताया जा रहा है कि पीओके व गिलगित बाल्टिस्तान के विलय को लेकर संविधान संशाेधन की गुपचुप तैयारी चल रही है। पूरे गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र का पाकिस्तान में विलय का प्रस्ताव होगा। भारत के हिस्से वाले जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने पर यह कदम उठाया गया है। मोदी सरकार कई बार पीओके वापस लेने की चेतावनी पहले ही दे चुके हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार इमरान पीओके को पांचवां प्रांत घोषित कर सकते हैं।
पीओके लोग जता रहे हैं आपत्ति
हालांकि पीओके के लाेग इमरान सरकार के कदम पर आपत्ति जता रहे हैं। गिलगित बाल्टिस्तान में भी मानवाधिकारों का दमन किया जा रहा है। पाक वहां असहमति दबाने में लगा है। स्वायत्तता मांगने वाले 100 से ज्यादा लोग देशद्राेह के आराेप में हिरासत में हैं।
Updated on:
01 Feb 2020 11:14 am
Published on:
01 Feb 2020 10:12 am
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