पत्रकार के लापता होने में अगर सऊदी का होगा हाथ, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे: ट्रंप न्यायिक कार्यवाही में हेरफेर कर रही आईएसआई शीर्ष न्यायिक परिषद ने जस्टिस सिद्दीकी को पद से हटाने की सिफारिश की थी। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने गुरुवार को उन्हें बर्खास्त किया। जस्टिस सिद्दीकी ने 21 जुलाई को रावलपिंडी जिला बार असोसिएशन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया था कि आईएसआई अपने पक्ष के फैसले पाने के लिए न्यायाधीशों की पीठ गठित करने हेतु न्यायिक कार्यवाही में हेरफेर कर रही है।
बंदूकवालों के नियंत्रण में न्यायपालिका उन्होंने कहा था कि आज न्यायपालिका और मीडिया बंदूकवालों के नियंत्रण में आ गये हैं। न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं है। यहां तक कि मीडिया को सेना से निर्देश मिल रहे हैं। मीडिया का गला दबाया जा रहा है और उसके अपने हित हैं। विभिन्न मामलों में,आईएसआई अपने अपने अनुसार फैसले प्राप्त करने के लिए अपनी पसंद की पीठें बनाती है।
पद से हटाने की सिफारिश की गई थी इस्लामाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अनवर कांसी द्वारा सिद्दीकी के खिलाफ आरोप खारिज किए जाने के बाद सेना ने पाकिस्तान के चीफ जस्टिस से इन टिप्पणियों पर संज्ञान लेने को कहा था। इस मामले को शीर्ष न्यायिक परिषद एसजेसी के पास भेजा गया था जिसने उन्हें पद से हटाने की सिफारिश की। यह संस्था ऊपरी अदालतों के जजों के खिलाफ शिकायतों पर विचार करती है और न्यायपालिका से बर्खास्त करने सहित दंडात्मक कार्रवाई की सिफारिश करती है। सिद्दीकी के वकील हामिद खान ने कहा कि एसजेसी के फैसले के खिलाफ अपील का कोई प्रावधान नहीं है लेकिन वह सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर जाएंगे।