
कुलभूषण मामले में भारत का केस हुआ मजबूत, पाकिस्तान को उल्टा पड़ेगा उसका पक्ष
नई दिल्ली। कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान का एक कदम उल्टा उसके लिए भारी पड़ सकता है। बीते हफ्ते पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय अदालत के एक फैसले के पक्ष में वोट किया। ये भारत के पक्ष को मजबूत करता है। इसे पाकिस्तान द्वारा जाधव मामले में किया गया सेल्फ गोल माना जा रहा है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में कथित तौर पर जासूसी के आरोप में मौत की सजा पाए भारतीय नागरिक जाधव को कांसुलर ऐक्सेस न देने के मामले में भारत ने 2004 के अवीना और दूसरे मेक्सिकन नागरिकों के संदर्भ में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के फैसले का जिक्र किया था। इस मामले में अमरीका पर वियना कन्वेंशन का उल्लंघन करने का आरोप साबित हुआ था। उसने मौत की सजा पाए अपने नागरिकों तक मेक्सिको को कांसुलर ऐक्सेस नहीं दी थी।
14 साल बाद भी आदेश को लागू नहीं किया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने बीते हफ्ते भारत समेत 68 दूसरे देशों के साथ संयुक्त राष्ट्र के उस प्रस्ताव के समर्थन में वोट किया है,जिसमें कहा गया है कि आईसीजे के अवीना जजमेंट को पूर्ण रूप से और तत्काल लागू किया जाए। दरअसल, 14 साल के बाद भी अमरीका ने अब तक आईसीजे के आदेश को लागू नहीं किया है। आईसीजे संयुक्त राष्ट्र की मुख्य न्यायिक शाखा है। आईसीजे में जाधव मामले पर फरवरी 2019 में सुनवाई होनी है,जिसमें अंतिम फैसला आने तक पाक द्वारा जाधव को मौत की सजा देने पर रोक लगा दिया था। इस मामले में भारत आईसीजे के समक्ष अवीना जजमेंट के समर्थन में पाकिस्तान के वोट देने का मसला भी उठाएगा।
पाकिस्तान के लिए दुविधा की स्थिति
पाकिस्तान के लिए दुविधा यह है कि अगर वह अवीना फसले को लागू करना चाहता है,तो वह जाधव केस में उसी आईसीजे के फैसले को मानने से इनकार क्यों कर रहा है। इससे पहले वह कहता रहा है कि जाधव मामला आईसीजे के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। गौरतलब है कि जाधव को भारतीय जासूस बताकर पाकिस्तान की अदालत ने मौत की सजा दे दी है। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत को जाधव तक राजनयिक पहुंच की अनुमति नहीं दी।
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Published on:
31 Dec 2018 11:54 am
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