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नई पाकिस्तान सरकार दक्षिण एशियाई क्षेत्र को आतंक मुक्त करने में सहयोग करे: सैयद अकबरुद्दीन

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर विवाद को लेकर मध्यस्थता और इस विवादित क्षेत्र में पाकिस्तान के बार-बार हस्तक्षेपों का उतर देते हुए सैयद अकबरुद्दीन ने ये बात कही।

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akbaruddin

नई पाकिस्तान सरकार दक्षिण एशियाई क्षेत्र को आतंक मुक्त करने में सहयोग करे: सैयद अकबरुद्दीन

न्यूयॉर्क। भारत ने गुरुवार को अपनी आशा व्यक्त की कि प्रधान मंत्री इमरान खान के नेतृत्व में पाकिस्तान में नई सरकार "पोलमिक्स में शामिल होने के बजाय दक्षिण एशियाई को आतंक मुक्त क्षेत्र " बनाने के लिए काम करेगी। संयुक्त राष्ट्र के भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बोलते हुए कहा, "हमें आशा है कि पाकिस्तान की नई सरकार पोलमिक्स में शामिल होने के बजाय, एक सुरक्षित, स्थिर, सुरक्षित और दक्षिण एशियाई क्षेत्र विकसित करने के लिए रचनात्मक रूप से काम करेगी। साथ ही नई सरकार आतंक और हिंसा से मुक्त सीमाओं की बहाली के लिए भी कोशिश करेगी।"

क्या कहा अकबरुद्दीन ने

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर विवाद को लेकर मध्यस्थता और इस विवादित क्षेत्र में पाकिस्तान के बार-बार हस्तक्षेपों का उतर देते हुए सैयद अकबरुद्दीन ने ये बात कही। कश्मीर विवाद पर सुरक्षा परिषद में भारतीय पक्ष को रखते हुए अकबरुद्दीन ने कहा, "हम पाकिस्तान को याद दिलाना चाहते हैं कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, जिसके एक हिस्से पर आतंकियों की एक टुकड़ी भेजकर पाकिस्तान ने अवैध तरीके से कब्ज़ा कर लिया था जो आज तक बरकरार है। हम पाकिस्तान से कहना चाहते हैं कि हैं कि पाक अधिकृत कश्मीर से पाकिस्तान अहले अपनी सेना हटाए तभी इस मुद्दे पर कोई ठोस पहले हो सकती है । बार-बार कश्मीर का राग छेड़ना एक असफल दृष्टिकोण को पुनर्जीवित करना है, जिसे लंबे समय से खारिज कर दिया गया है।"

क्या करेगी पाकिस्तान की नई सरकार

बता दें कि 20 अगस्त को, पाकिस्तान के नव नियुक्त विदेश मामलों के मंत्री शाह मेहमूद कुरेशी ने दावा किया था कि भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधान मंत्री इमरान खान को एक पत्र लिखा था जिसमें दोनों देशों के बीच एक वार्ता की शुरुआत हुई थी। बाद में पाकिस्तान ने ऐसा कोई दावा करने से इनकार कर दिया। भारतीय मीडिया ने भी कुरेशी के दावे को खारिज किया।भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी यह कहा कि कि दोनों देशों के बीच वार्ता की बहाली के लिए कोई नया प्रस्ताव नहीं है।