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भारत-वियतनाम के संबंध हुए और मजबूत, शांतिपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मिलकर करेंगे काम

locationनई दिल्लीPublished: Nov 20, 2018 09:02:48 pm

Submitted by:

mangal yadav

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वियतनाम के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की।

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हनोईः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। इससे पहले रामनाथ कोविंद ने अपने समकक्ष गुयेन फू ट्रोंग के साथ बैठक की। बैठक के दौरान भारत और वियतनाम ने शांतिपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र के निर्माण के महत्व को दोहराया। दोनों पक्षों ने संचार, शिक्षा, व्यापार और निवेश के क्षेत्र में तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। कोविंद ने बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “हमारी चर्चा हर तरह के द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग पर केंद्रित थी।” उन्होंने कहा, “हमने राष्ट्रीय संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के लिए सम्मान के आधार पर शांतिपूर्ण और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के निर्माण के महत्व को दोहराया।”

वियतनाम दक्षिणपूर्व एशिया में भारत का प्रमुख साझेदार है और 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के दौरान व्यापक रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से द्विपक्षीय संबंधों में गति आई है। कोविंद का यह बयान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव और दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में बीजिंग के झगड़ालूपन के दौरान आया है। राष्ट्रपति के साथ अपनी वार्ता के दौरान कोविंद ने कहा कि वे रक्षा, परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग, अंतरिक्ष, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, तेल व गैस, बुनियादी विकास, कृषि के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने पर सहमत हुए हैं। कोविंद ने कहा, “मैंने वियतनाम सशस्त्र बलों के लिए प्रशिक्षण समर्थन मुहैया कराने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई है।”

दोनों नेताओं ने वियतनाम सीमा रक्षकों के लिए उच्च गति के गश्ती जहाजों के निर्माण के लिए 10 करोड़ डॉलर की भारतीय वित्तीय मदद को लागू करने की भी समीक्षा की। कोविंद ने कहा, “हम सभी प्रारूपों व अभिव्यक्ति में आतंकवाद की निंदा करते हैं और इस खतरे के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने पर सहमत हुए हैं।” उन्होंने कहा, “हम संतोष व्यक्त करते हैं कि दोनों देश समुद्री सुरक्षा सहयोग पर जल्द संवाद शुरू करेंगे।” कोविंद ने कहा कि दोनों पक्ष हमारे उद्योगों को प्रोत्साहित करने पर सहमत हुए हैं, ताकि हमारे अपने देश और क्षेत्र में आर्थिक अवसरों की वृद्धि के रास्ते खोल सकें। अपनी मुलाकात से पहले कोविंद ने नेशनल एसेंबली को संबोधित किया था, जिसमें उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत के लिए भारत और वियतनाम समान दृष्टिकोण साझा करते हैं। उन्होंने कहा, “वियतनाम हमेशा हमारे दिमाग और हमारे दिलों में रहा है। यह भारत की एक्ट ईस्ट नीति का केंद्र है।”

 

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