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Nepal से सीमा विवाद के बावजूद अपने वायदे से पीछे नहीं हटेगा भारत, 56 स्कूलों का करेगा पुनर्निर्माण

Highlights नेपाल (Nepal) में अप्रैल 2015 को भयानक भूकंप (Earthquake) आया था। इसमें इमारतें ध्वस्त हो गईं थी। भारत ने इस काम के लिए नेपाल (Nepal) को 184 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है।

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Narendra modi

पीएम नरेंद्र मोदी के साथ नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली। फाइल फोटो

काठमांडो। नेपाल (Nepal) में भारतीय दूतावास का कहना है कि भारत विवादों को भुलाकर अपने सभी वायदों को निभाने के लिए तत्पर है। भारत ने स्पष्ट कहा है कि साल 2015 में शक्तिशाली भूकंप (Earthquake) में तबाह नेपाल के 56 स्कूलों को वह फिर से बनवाने के लिए तैयार है। भारत ने इस काम के लिए नेपाल को 184 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। सीमा विवाद के मामले में नेपाल अब कूटनीतिक चालें चल रहा है। नक्शे में भारत के तीन इलाकों को नेपाल ने अपनी सीमा में दिखाया है।

गोरखा, नुवाकोट, धादिंग, दोलखा, काभ्रेपलांचोक, रामेछाप, सिंधुपालचोक जिलों में 56 उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों को बनाने के लिए भारतीय दूतावास और नेपाल के शिक्षा मंत्रालय के समझौता हुआ है। भारत का रुड़की स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान इसके निर्माण में योगदान देगा। स्कूलों में शैक्षणिक खंड, कक्षाएं, फर्नीचर और स्वच्छता सुविधाएं होगी। गौरतलब है कि नेपाल में अप्रैल 2015 को भयानक भूकंप आया था। ये 7.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप था। इसमें करीब 9 हजार लोगों की मौत हुई थी।

1 जून को नए नक्शे को लेकर बिल पेश

नेपाल सरकार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत के साथ विदेश सचिव स्तर की बातचीत करेगी। भारत ने स्पष्ट कहा है कि दोनों देशों के बीच भरोसा कायम होने पर दोबारा चर्चा शुरू की जाएगी। इस मसले का हल बातचीत की टेबल पर हल हो सकता है। नेपाल की सरकार ने 1 जून को अपने नए नक्शे को संविधान में शामिल करने को लेकर संसद में बिल पेश किया है। नए नक्शे में भारत के तीन इलाके लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा शामिल हैं।