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ईरान में सरकार से सवाल करना एक अखबार को पड़ा महंगा, अधिकारियों ने दफ्तर पर लगा दिया ताला

संपादकीय प्रबंधन ने अखबार के पहले पन्ने पर ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अल खामनेई जैसे दिखने वाले हाथ का ग्राफिक चित्र बनाया था। इस चित्र में खामनेई के हाथ जैसे दिखने वाले हाथ से ईरान की गरीबी रेखा को बनाते दिखाया गया था। ईरान की गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर वहां की जनता का आक्रोश बढ़ता ही रहा है।  

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Ashutosh Pathak

Nov 09, 2021

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नई दिल्ली।

ईरान में अधिकारियों ने सोमवार एक अखबार पर सिर्फ इसलिए प्रतिबंध लगा, क्योंकि उसने देश की गिर रही अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर सवाल पूछ लिया था।

सरकारी सहयोगी समाचार एजेंसी 'मेहर' के मुताबिक, ईरान की मीडिया निगरानी संस्था ने दैनिक अखबार 'केलिद' को बंद कर दिया है क्योंकि शनिवार को उक्त अखबार के पहले पृष्ठ पर एक आलेख छापा गया था जिसका शीर्षक था “गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते लाखों ईरानी।”

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शीर्षक के नीचे एक चित्र बनाया गया था जिसमें एक व्यक्ति ने अपने बाएं हाथ में कलम पकड़ी हुई है और वह लाल रंग की रेखा खींच रहा है जिसके नीचे आम जनता को दर्शाया गया है। यह ग्राफिक खामनेई के एक पुराने चित्र से मेल खाता है जिसमें वह अपने बाएं हाथ से कागज के एक टुकड़े पर कुछ लिख रहे हैं और उनकी एक अंगुली में अंगूठी है जो वह अकसर पहनते हैं।

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बता दें कि 1981 में हुई बमबारी के बाद से उनका दांया हाथ काम नहीं करता। सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए ने कहा कि केलिद को बंद कर दिया गया है। इसका कारण स्पष्ट नहीं किया गया है। केलिद की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अखबार की वेबसाइट भी बंद कर दी गई है।