
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग।
बीजिंग। भारत-चीन तनाव और विश्वभर की आलोचना झेल रहे चीन ने संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रदूषण का मुद्दा उठाया। चीन ने 2060 तक कार्बन न्यूट्रल बनने का संकल्प लिया है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग वीडियों लिंक के जरिए इस बैठक का हिस्सा बने। उन्होंने जनरल असेंबली को संबोधित करते हुए ग्रीन रिवोल्यूशन की अपील की। उन्होंने कहा कि पेरिस में पर्यावरण समझौते के अनुसार देश में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाई जाएगी। देश को आगामी 40 वर्षों में कार्बन न्यूट्रल बनाया जाएगा। इसके साथ उन्होंने 187 देशों से कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने का संकल्प लिया है।
आगामी 10 सालों में कार्बन उत्सर्जन में कमी
जिनपिंग का कहना है कि चीन का लक्ष्य है कि इस दशक के खत्म होने तक कार्बन उत्सर्जन कम करने वाले देशों में शीर्ष स्थान पर हो। इसके साथ आगामी 40 वर्षों में कार्बन न्यूट्रिलिटी हासिल कर लेगा। ऐसा पहली बार है कि चीन ने खुद के लिए जीरो कार्बन ठोस योजना बनाई है।
जिनपिंग के अनुसार चीन कार्बन उत्सर्जन को कम करने को लेकर गंभीर है। इसे लागू करने के लिए कठोर नीतियां बना रहा है और इसे हर हाल में लागू करेगा। उन्होंने सभी देशों से अपील कर कहा कि उन्हें सहयोगी रवैये अपनाना चाहिए। इसके साथ हरित क्रांति को बढ़ावा देना चाहिए।
गौरतलब है कि चीन दुनिया के किसी दूसरे देशों की तुलना में सबसे कम कोयले का उपयोग करता है। देश रिन्यूबल एनर्जी के मामले में सबसे आगे है। हाल के वर्षों में चीन ने पर्यावरण को लेकर काफी सजगता दिखाई है।
Updated on:
26 Sept 2020 05:09 pm
Published on:
26 Sept 2020 05:04 pm
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