
सियोलः उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया अब परमाणु हथियार नहीं बनाएंगे। दोनों देशों के बीच शुक्रवार को ऐतिहासिक द्विपक्षीय सम्मेलन के बाद कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति बनी। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के बीच सीमावर्ती गांव पनमुनजोम में बैठक के बाद एक संयुक्त घोषणापत्र जारी किया गया जिसमें कहा गया है कि दोनों देशों की तरफ से दुश्मनी भरी कार्रवाई बंद की जाएंगी। दोनों कोरियाई देश आपसी विवाद को भूलाते हुए सीमा पार होने वाले प्रोपेगैंडा को रोकेंगे और शांति जोन बनाकर रिश्तों को एक नई दिशा देंगे।
मिलकर काम करेंगे पर हुआ समझौता
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून के बीच हुई बैठक में यह भी यह हुआ है कि देश के बंटवारे के बाद अलग हुए परिवारों को एक-दूसरे से मिलने की आजादी दी जाएगी। इसके अलावा दोनों देशों को रेल और सड़क यातायात से जोड़ा जाएगा। अब देशों देश मिलकर एशियन गेम्स में शिरकत करेंगे। घोषणापत्र के मुताबिक, दोनों के बीच सहमति बनी कि उत्तर कोरिया की तरफ से हाल में उठाए गए कदम परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रयासों के लिए बहुत सार्थक और महत्वपूर्ण हैं। दोनों नेताओं के बीच वार्ता किम जोंग के एमडीएल पार करने के लगभग 45 मिनट बाद सुबह 10.15 बजे शुरू हुई। वह 1950-1953 का कोरियाई युद्ध समाप्त होने के बाद ऐसा करने वाले उत्तर कोरिया के पहले नेता बन गए हैं। किम जोंग ने कहा है कि इस बैठक के सार्थक और अच्छे परिणाम सामने देखने को मिलेंगे।
दोनों देशों ने जताया एक-दूसरे का आभार
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने इस सम्मेलन में शामिल होने पर किम जोंग का आभार जताया। मून ने कहा, "जिस समय किम जोंग ने सैन्य सीमा रेखा पार की, पनमुनजोम शांति का प्रतीक बन गया। उधर उत्तर कोरिया के तानाशाह ने भी शांति वार्ता के लिए दक्षिण कोरिया का आभार जताया। इससे पहले दोनों कोरियाई देशों के बीच कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु निरस्त्रीकरण बनाने के लिए सहमति बनी थी और इस संदर्भ में 2000 और 2007 में दो सम्मेलन हो चुके हैं।
Published on:
27 Apr 2018 05:16 pm
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