
संयुक्त राष्ट्र। पुलवामा हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया है। भारत ने इस हमले के जवाब में पाक को MFN की सूची से हटा दिया है और साथ ही पाक को निर्यात की जाने वाली चीजों पर सीमा शुल्क 200 फीसदी तक बढ़ा दी गई है। इसी बीच कुलभूषण सुधीर जाधव के मामले की हेग में सुनवाई होनी है।
जाधव पर जासूसी का आरोप
सोमवार को भारत इस मामले में पाकिस्तानी सैन्य कोर्ट के खिलाफ दलील पेश करेगा। आपको बता दें कि तीन साल पहले मार्च 2016 में भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी जाधव को पाक ने गिरफ्तार कर लिया था। दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान से गिरफ्तार हुए जाधव पर जासूसी का आरोप लगाया गया था। इस आरोप में उन्हें पाकिस्तानी की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि, भारत ने इस फैसले के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) में चुनौती दी थी। भारत की मांग पर आईसीजे ने साल 2017 में फांसी पर रोक लगाने के आदेश दिए थे।
इसी हफ्ते शुरू होगी सुनवाई
काफी समय से लंबित इस मामले की सुनवाई इसी हफ्ते शुरू होगी। सोमवार को भारत और पाक के वकील इस मामले अपनी-अपना पक्ष रखने वाले हैं। खास बात ये है कि गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में दोनों देशों का आमना-सामना होगा। जहां भारत के वकील सोमवार को दलील देंगे वहीं पाक मंगलवार को अपना पक्ष रखेगा। आपको बता दें कि इस अदालत की स्थापना दूसरे विश्व युद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने के लिए की गई थी।
क्या है मामला?
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने जाधव पर भारतीय जासूस होने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान का दावा है कि जाधव अफगानिस्तान से लगती सीमा पर स्थित उसके प्रांत में गुप्तचर का काम कर रहे थे। जबकि भारत का कहना है कि जाधव जासूस नहीं हैं। उनका अपहरण किया गया है। अंतरराष्ट्रीय अदालत में भी भारत ने पाकिस्तानी अदालत के फैसले को रद्द करने की मांग की है।
Updated on:
18 Feb 2019 08:04 am
Published on:
17 Feb 2019 09:41 am
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