भारत-अमरीका 2+2 वार्ता: रणनीतिक और सामरिक हितों के मुद्दों पर होगी बात बदलेगा शादमान चौक का नाम भगत सिंह और उनके साथियों को लाहौर जेल में 23 मार्च 1931 को फांसी दी गई थी। शादमान चौक उसी स्थान पर बना हुआ है। लाहौर उच्च न्यायालय ने भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के अध्यक्ष इम्तियाज राशिद कुरैशी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। न्यायाधीश शाहिद जमील खान ने लाहौर के डिप्टी कमिश्नर को आदेश दिया कि वह कानून के अंतर्गत शादमान चौक का नाम बदलकर भगत सिंह के नाम पर रखने के संबंध में कोई प्रस्ताव पेश करें।
शहीदों के परिवार को आर्थिक मदद देने के लिए बना ‘भारत के वीर’ ट्रस्ट पाकिस्तान के भी हैं शहीद भगत सिंह याचिका दायर करने वाले याचिका कर्ता ने कोर्ट में दलील दी है कि भगत सिंह केवल हिन्दुस्तान के नहीं बल्कि पाकिस्तान के स्वतंत्रता सेनानी हैं। उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर आजादी के लिए कुर्बानी दी है।
जापान: होकैडो द्वीप पर 6.7 तीव्रता का भूकंप, भूस्खलन से कई घर तबाह भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के अध्यक्ष इम्तियाज राशिद कुरैशी ने कहा कि, ‘पाकिस्तान के संस्थापक कायदे-आजम मोहम्मद अली जिन्ना ने भी भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी थी। इम्तियाज राशिद कुरैशी ने कहा भगत सिंह पाकिस्तान के लिए शहीद हुए। इसलिए इस दृष्टिकोण से यह सही होगा कि शादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखा जाए।