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केंद्र के फैसले पर बौखलाया लश्कर-ए-तैयबा, कहा- रमजान में भी करेंगे भारतीय सेना पर हमला

Published: May 16, 2018 10:09:07 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

भारत सरकार नेऐलान किया है कि रमजान में सुरक्षाबल कश्मीर और आसपास के इलाकों में कोई ऑपरेशन नहीं चलाएंगे।

Hafiz Saeed
नई दिल्ली। रमजान के पवित्र महीने में भी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने भारतीय सुरक्षाबलों पर हमले का ऐलान किया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर सरकार की मांग पर सहमति जताई है। जिसके तहत रमजान में सुरक्षबलों द्वारा घाटी में किसी भी तरह के ऑपरेशन पर रोक लगा दी गई है।
रमजान में ऑपरेशान नहीं करेगी सेना
भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज ट्वीट कर इस बात का ऐलान किया है कि रमजान में सुरक्षाबल कोई ऑपरेशन नहीं चलाएंगे। इस फैसले के पीछे दलील दी जा रही है कि रमजान में माहौल शांत रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। लेकिन भारत के सबसे बड़े दुश्मन हाफिज सईद के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने ने कहा है कि वो सुरक्षबलों पर पहले की तरह हमले जारी रखेगा।
महबूबा की मांग को केंद्र ने दी मंजूरी
बता दें कि सरकार ने गुरुवार से शुरू हो रहे रमजान के दौरान शांतिपूर्ण माहौल बनाये रखने की दिशा में बड़ी पहल करते हुए सुरक्षा बलों को निर्देश दिए हैं कि वे जम्मू कश्मीर में इस पवित्र महीने में किसी तरह का अभियान न चलायें। गृह मंत्रालय के अनुसार गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सुरक्षा बलों को रमजान के दौरान जम्मू कश्मीर में अभियान नहीं चलाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह स्पष्ट किया गया है कि सुरक्षा बलों पर हमला होने और निर्दोष लोगों की जान बचाने के लिए जरूरी होने पर जवाबी कार्रवाई की जाएगी। गृहमंत्री ने केन्द्र के फैसले की जानकारी मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी दी है।
‘इस्लाम के नाम पर बेगुनाहों का खून बहाने वालों को अलग करें’
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस संबंध में बयान देते हुए कहा, ‘जो लोग इस्लाम के नाम पर बेगुनाहों का खून बहाते हैं, उन्हें समाज से अलग किया जाए। बिना किसी वजह किसी का खून बहाना या भय का माहौल पैदा करना सामान्य जीवनशैली के खिलाफ है। इससे पहले राज्य के डीजीपी भी कह चुके हैं कि वे उन आतंकियों की सहायता और समर्थन करेंगे जो आत्मसमर्पण करेंगे।
क्या थी मुफ्ती की मांग?
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हाल ही में केंद्र सरकार से कश्मीर घाटी में रमजान से लेकर अमरनाथ यात्रा की समाप्ति यानी अगस्त के आखिर तक एकतरफा युद्ध विराम घोषित करने की अपील की थी। मुफ्ती की इस मांग के पीछे घाटी में मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाकर्मियों और आम नागरिकों की हत्या के साथ-साथ पत्थरबाजों पर अंकुश लगाना बताया जा रहा है।
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