इस वजह से पत्रकारों को सुनाई गई है सजा
एक न्यूज एजेंसी के दो पत्रकारों को पिछले साल 12 दिसंबर को कथित रूप से गोपनीय दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार किया गया था। यह दस्तावेज इन्हें पुलिस अधिकारियों ने दिए थे। पत्रकार म्यांमार की सेना द्वारा दस से अधिक रोहिंग्याओं की हत्या के एक मामले में रिपोर्ट तैयार कर रहे थे। ये पत्रकार रखाइन राज्य के इन डिन गांव में 10 रोहिंग्याओं की एक विशाल कब्र की जांच कर रहे थे, जिसके लिए म्यांमार सेना के सात सैनिकों को दोषी ठहराया गया और जिन्हें 10 साल जेल की सजा सुनाई गई है। इन पत्रकारों को जांच के दौरान पुरातन सीक्रेट्स एक्ट के उल्लंघन के लिए सात साल जेल की सजा सुनाई गई है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, म्यांमार की एक अदालत ने सोमवार को पत्रकार वा लोन और क्वाय सो ओ को औपनिवेशिक युग के ऑफीशियल सीक्रेट्स एक्ट के उल्लंघन के लिए सात साल जेल की सजा सुनाई।
पुलिस कप्तान ने दी थी गवाही
बता दें कि इस मामले की जांच 9 जनवरी से शुरू हुई और आरोप पत्र औपचारिक रूप से 9 जुलाई को दाखिल किए गए थे। पुलिस कप्तान मोए यान नाइंग ने अप्रैल में गवाही दी थी कि एक वरिष्ठ अधिकारी ने उसे और उसके अधीनस्थों को संवाददाताओं को गुप्त दस्तावेज देने का आदेश दिया था। पत्रकारों ने खुद को निर्दोष बताया है और कहा है कि वे पुलिस द्वारा फंसाए गए हैं।