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पंजशीर में अब भी मौजूद हैं अहमद मसूद, एनआरएफ के समर्थक तालिबानियों से ले रहे लोहा

नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट के नेता अहमद मसूद अभी भी पंजशीर घाटी में मौजूद हैं। यही नहीं बहुत कम साथियों के साथ वह अब भी तालिबानी लड़ाकों के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।  

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Ashutosh Pathak

Sep 12, 2021

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नई दिल्ली।

तालिबान को अफगानिस्तान में सबसे अधिक कहीं मशक्कत करनी पड़ी तो वह पंजशीर घाटी है। करीब 70 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा करने के बाद तालिबानी अब विद्रोहियों के गढ़ पंजशीर में नरसंहार कर रहे हैं। तालिबानी विद्रोहियों का समर्थन करने वालों को खोज-खोजकर मार रहे हैं।

हाल ही में तालिबानियों ने अफगानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के भाई रोहुल्लाह सालेह की बेहद क्रूर तरीके से हत्या कर दी थी। इस बीच, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट के नेता अहमद मसूद अभी भी पंजशीर घाटी में मौजूद हैं। यही नहीं बहुत कम साथियों के साथ वह अब भी तालिबानी लड़ाकों के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अहमद मसूद के अफगानिस्तान से भागकर तुर्की, ताजिकिस्तान या फिर किसी दूसरे देश में जाने की खबर पूरी तरह गलत है। मसूद अब भी पंजशीर घाटी में हैं और एक सुरक्षित स्थान पर हैं। इससे पहले, तालिबान की ओर से दावा किया गया था कि अमरुल्लाह सालेह और अहमद मसूद ताजिकिस्तान भाग गए हैं। वहीं, अब पंजशीर का करीब 70 प्रतिशत इलाका तालिबान के कब्जे में आ चुका है।

दावा किया जा रहा है कि तालिबान के पंजशीर में बड़े इलाके पर नियंत्रण करने के बावजूद अहमद मसूद के पास घाटी और वहां के सभी प्रमुख ठिकानों पर कब्जा है। इन जगहों पर मसूद के समर्थक मौजूद हैं और अपनी लड़ाई जारी रखे हुए हैं। तालिबान ने कुछ दिन पहले दावा किया था कि उसने पंजशीर घाटी पर कब्जा कर लिया है और इसके ठीक बाद तालिबान ने अपनी नई अंतरिम सरकार का ऐलान भी कर दिया था। बाद में अहमद मसूद ने तालिबान के इस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया था।

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हाल ही में तालिबान ने पंजशीर की लड़ाई में अमरुल्लाह सालेह के भाई रोहुल्लाह अजीजी की हत्या कर दी थी। तालिबानी लड़ाके रोहुल्लाह के शव को दफनाने भी नहीं दे रहे थे। रोहुल्लाह पंजशीर में तालिबानियों से मुकाबला कर रहे थे। वे एनआरएफ यानी नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट की एक यूनिट के कमांडर भी थे। रोहुल्लाह के भतीजे इबादुल्लाह सालेह ने मीडिया से बात करते हुए इसकी पुष्टि की थी कि तालिबानियों ने उनके चाचा को मार दिया है और शव को दफनाने भी नहीं दे रहे।