
नेपाल: चार साल पहले आए भूकंप ने हिला दी थी देश की नीव, पुनर्निर्माण कार्य आज भी जारी
काठमांडू। नेपाल में बुधवार को 5.2 की तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसने लोगों के जेहन में चार साल पहले विनाशकारी भूकंप की याद ताजा कर दी।आज ही के दिन चार साल पहले विनाशकारी भूकंप ने नेपाल में दस्तक दी थी। इस भूकंप ने नेपाल की जड़ों को हिला कर रख दिया था। कई महत्वपूर्ण इमारतें भूकंप में जमींदोज हो गईं थीं। हजारों की जानें चली गईं थीं। इसके बाद यहां पर कई विदेशी संस्थाओं ने मिलकर पुनर्निर्माण का कार्य शुरू किया। नेपाल में भूकंप आवास पुनर्निर्माण परियोजना के अनुसार अब तक 70 प्रतिशत घर बनाए गए हैं, 20 प्रतिशत घरों पर काम चल रहा है। भारत ने नेपाल के साथ मिलकर गोरखा और नुवाकोट में 50 हजारा घरों के निर्माण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि नेपाल को दोबरा से अपने स्वरूप में आने के लिए कुछ समय और लगेगा।
8 हजार से अधिक मौतें हुई हैं
25 अप्रैल 2015 की सुबह नेपाल में 7.8 से 8.1 की तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप का केन्द्र लामजुंग था जो नेपाल से 38 किलोमीटर दूर था। भूकंप में कई महत्वपूर्ण प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर व अन्य इमारतें भी नष्ट हो गईं थीं। 1934 के बाद पहली बार नेपाल में इतना प्रचंड भूकंप आया था। इसमें 8 हजार से अधिक मौतें हुई थी और 2 हजार से अधिक घायल हुए थे। भूकंप के झटके चीन, भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी महसूस किये गए थे। भूकम्प की वजह से एवरेस्ट पर्वत पर हिमस्खलन हो गया था। इससे 17 पर्वतारोहियों के मृत्यु हो गई थी। काठमांडू घाटी में यूनेस्को विश्व धरोहर समेत कई प्राचीन एतिहासिक इमारतों को नुकसान पहुचा था।
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Updated on:
25 Apr 2019 05:57 pm
Published on:
25 Apr 2019 08:50 am
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