scriptNepal: भारतीय इलाके वाला विवादित Map को उच्च सदन से मिली मंजूरी, पक्ष में पड़े 57 वोट | Nepal's Upper House endorses New Map Amendment Bill proposal unanimous | Patrika News

Nepal: भारतीय इलाके वाला विवादित Map को उच्च सदन से मिली मंजूरी, पक्ष में पड़े 57 वोट

locationनई दिल्लीPublished: Jun 18, 2020 03:21:58 pm

Submitted by:

Anil Kumar

HIGHLIGHTS

नेपाल ( Nepal ) के उच्च सदन ( Upper House ) ने सर्वसम्मति से एक राष्ट्रीय मानचित्र संशोधन विधेयक ( National Map Amendment Bill ) को मंजूरी दे दी है।
इस बिल के समर्थन में 57 सदस्यों ने वोट किया, जबकि विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा।
इस नए नक्शे में नेपाल ने भारत के तीन इलाकों लिपुलेख, कालापानी और लिंप्युधारा ( Kalapani, Lipulekh and Limpiyadhura ) को अपना बताया है।

nepal_map.jpeg

Nepal’s Upper House endorses New Map Amendment Bill proposal unanimously

काठमांडु। भारतीय क्षेत्र को अपने इलाके में शामिल किए जाने वाला विवादित नक्शे ( Disputed Map ) को नेपाल की संसद ( Parliament Of Nepal ) ने गुरुवार को मंजूरी दे दी। नेपाल के उच्च सदन ( Upper House ) ने सर्वसम्मति से एक राष्ट्रीय मानचित्र संशोधन विधेयक ( National Map Amendment Bill ) को मंजूरी दे दी है। इस बिल के समर्थन में 57 सदस्यों ने वोट किया, जबकि विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा।

इस नए नक्शे में नेपाल ने भारत के तीन इलाकों ( लिपुलेख, कालापानी और लिंप्युधारा ) को अपना बताया है। इससे पहले बीते हफ्ते नेपाल के निचले सदन में विधेयक को मंजूरी मिल गई थी। 275 सदस्यों वाली निचले सदन ( Lower Houce ) में 258 सांसदों ने इस बिल के पक्ष में मतदान किया था। इस बिल की मंजूरी के साथ ही भारत-नेपाल ( India-Nepal Border Dispute ) में दशकों से चली आ रही दोस्ती और रिश्ता अब तनाव में बदल सकता है

Nepal के नए नक्शे का विरोध करने वाली सांसद Sarita Giri के घर पर हमला, देश छोड़ने की मिली धमकी

आपको बता दें कि भारत ने नेपाल के निचले सदन से विवादित नक्शे के पास होने के बाद आपत्ति जताई थी और कहा था कि यह मानचित्र एतिहासिक तथ्य या सबूतों पर आधारित नहीं है और न ही इसका कोई मतलब है।

https://twitter.com/ANI/status/1273518279726780418?ref_src=twsrc%5Etfw

पीएम केपी ओली ने पिछले महीने नक्शे को किया था प्रकाशित

आपको बता दें कि चीन के बेहद करीब नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी ( Communist Party of Nepal ) की सरकार के अगुवा प्रधानमंत्री केपी ओली ( Prime Minister KP Oli ) ने विवादित नक्शे को पिछले महीने प्रकाशित किया था। नेपाल ने दावा किया है कि भारत ने उनकी जमीन पर कब्जा कर रखा है।

दरअसल, भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Defense Minister Rajnath Singh ) ने 8 मई को उत्तराखंड ( Uttarakhand ) के लिपुलेख से तिब्बत की सीमा को जोड़ने वाली एक 80 किलोमीटर की सड़क का उद्घाटन किया था। इससे बौखलाए नेपाल ने 18 मई को अपने संशोधित नक्शे को प्रकाशित कर दिया। इस नए नक्शे में नेपाल ने भारत के कालापानी , लिपुलेख और लिम्पियाधुरा ( Kalapani, Lipulekh and Limpiyadhura ) को अपना हिस्सा बताया।

India China Dispute के बीच ही नेपाल सेना प्रमुख ने संभाली अपनी चौकी, इस सीमावर्ती इलाके का किया दौरा

इसके बाद फौरन भारत ने आपत्ति जताई और कहा कि भारत अपनी अखंडता से कोई समझौता नहीं कर सकता है। नेपाल द्वारा जारी नया नक्शा ऐतिहासित तथ्यों से दूर है। लेकिन नेपाल अब इस नक्शे पर अड़ गया है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत पर अवैध कब्ज़े का आरोप लगाते हुए दावा किया कि हम अपनी ज़मीन वापस लेकर रहेंगे।

भारत ने नेपाल के लिपुलेख पर दावे को खारिज करते हुए साफ कर दिया है कि सड़क पूरी तरह से उसके क्षेत्र में है। नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने पिछले हफ्ते संसद को बताया कि लिपुलेख की नई सड़क देश की संप्रभुता को कमजोर करती है। मालूम हो कि नेपाल की सीमा काली नदी के उद्गम स्थल लिंप्युधारा से शुरू होती है। 1816 में सुगौली की संधि के तहत भारत और नेपाल के बीच सीमा का निर्धारण हुआ था। हालांकि इसके बाद 90 के दशक से नेपाल कालापानी, लिंप्युधारा और लिपुलेख पर अपना दावा कर रहा है।

https://www.dailymotion.com/embed/video/x7uj3gp
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो