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Nepal: KP Sharma Oli ने कहा- बातचीत से हल निकालेंगे मगर इस्तीफा नहीं देंगे, दहल अपने रुख पर कायम

Highlights पार्टी के दूसरे चेयरमैन पुष्प कमल दहल (Push Kamal Dahal) प्रचंड और पीएम ओली के बीच कुर्सी को लेकर जंग जारी है। पार्टी प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ ( Narayan Kaji Shrestha) ने बताया कि दोनों नेता अपनी-अपनी बात पर कायम हैं, इसके लिए सभी की धैर्य की आवश्यता है।

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Mohit Saxena

Jul 11, 2020

KP Sharma Oli and Push Kamal Dahal.

पुष्प कमल दहल प्रचंड और पीएम ओली के बीच खींचतान जारी।

काठमांडू। नेपाल (Nepal) में पीएम के इस्तीफे को लेकर खींचतान जारी है। सत्तारूढ़ नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी में घमासान छिड़ा हुआ है। राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम ओली (KP Sharma Oli) का कहना है कि किसी भी पार्टी में मतभेद, चर्चाएं और सलाह आम बात हैं। वह इसे अंदरूनी मामला बताते हैं। यह मामला बातचीत से सुलझेगा। इसके लिए सभी की धैर्य की आवश्यता है। गौरतलब है कि पार्टी के दूसरे चेयरमैन पुष्प कमल दहल (Push Kamal Dahal) प्रचंड और पीएम ओली के बीच कुर्सी को लेकर जंग जारी है।

ओली-दहल के बीच 6 बैठकें बेनतीजा रहीं

ओली और दहल ने मंगलवार को चर्चा में फैसला किया कि बुधवार को स्टैंडिंग कमिटी की बैठक की जाएगी। मगर इस बैठक को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। पार्टी के सूत्र के अनुसार दोनों नेताओं के बीच बैठक टलना शुभ संकेत नहीं है। सोमवार को दोनों नेताओं ने एक के बाद एक छह बैठकें कीं। इसके बावजूद कोई परिणाम सामने नहीं आया।

फिर से होगी दोनों नेताओं की मुलाकात

दहल के प्रेस संचालक बिश्नु सपकोटा के अनुसार बुधवार शाम को भी ओली और दहल ने पीएम आवास में दो घंटे तक बैठक की। इसके बावजूद कोई परिणाम सामने नहीं आया। उन्होंने कहा कि दोनों के मतभेद अब तक सुलझे नहीं हैं और वे दोबारा मीटिंग करेंगे। पार्टी प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ ने बताया कि दोनों नेता अपने-अपने रुख पर कायम हैं और अब तक बीच का कोई रास्ता नहीं निकला है।

ओली इस्तीफे पर राजी नहीं

दोनों धड़ों के समर्थक भी सड़कों पर हैं,जिससे हालात सुधर नहीं रहे। काठमांडू में बुधवार को ओली के समर्थकों ने कई प्रदर्शन किए। जिसके बाद पूरे देश में रैलियों का दौर चालू हो गया। हालात ऐसे हो कि दोनों समर्थक दल आमने-सामने आ गए। वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पार्टी को टूटना नहीं चाहिए। इससे जनता को धक्का लगेगा। यही दलील ओली भी दे रहे हैं। उनका कहना है कि पार्टी उनसे जो कहेगी, वह वही करेंगे और अपना काम करने के तरीको बदल देंगे। मगर इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि लोगों के बहुमत से वह पीएम बने हैं। दूसरी ओर दहल, माधव नेपाल और बामदेव गौतम पार्टी और सरकार में बड़ी भूमिका चाह रहे हैं। उन्हें ओली पर आरोप लगाए हैं कि वह अपने मन से काम करते हैं और सरकार के फैसलों में पार्टी से राय नहीं रखते हैं।