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FATF की ब्लैकलिस्ट से बाहर निकले की कोशिश नें इमरान, शर्ते पूरी करने के लिए बनाई समिति

FATF की क्षेत्रीय यूनिट द्वारा ब्लैक लिस्ट होने के बाद जागी इमरान सरकार अब आतंकियों पर कार्रवाई के लिए उठाया कदम

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Imran Khan File

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश को आतंकी सूची से बाहर निकालने के लिए हर मुमकिन कोशिश में हैं। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की क्षेत्रीय ईकाई द्वारा ब्लैक लिस्ट होने के बाद आखिरकार जागी इमरान सरकार ने अब एक बड़ा फैसला किया है। इमरान खान ने FATF संबंधित सभी कार्य एक दिसंबर तक पूरे कराने के लिए एक 12 सदस्यीय नेशनल FATF कॉर्डिनेशन कमेटी का गठन किया

इस बारे में पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया ने सोमवार को जानकारी दी है।

40 सिफारिशों में से 11 का पालन करने में असमर्थ रहा था पाकिस्तान

बता दें कि FATF के क्षेत्रीय अंग एशिया-प्रशांत समूह (APG) ने 23 अगस्त को पाकिस्तान को अपने निगरानी तंत्र में रखने का ऐलान किया था। दरअसल, पाकिस्तान FATF की कुल 40 सिफारिशों में से 11 का पालन करने में असमर्थ रहा था। इस्लामाबाद को अब एक फरवरी 2020 तक एपीजी में अपनी सिफारिशों के कार्यान्वयन की नई रिपोर्ट पेश करनी होगी।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने जारी की अधिसूचना

प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी किया। इसके अनुसार 'समिति FATF पर राष्ट्रीय प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।'पाकिस्तान की स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार, यह समिति इकोनॉमिक अफेयर्स डिवीजन मंत्री हम्माद अजहर की अगुवाई में गठित की गई है। इसमें वित्त, विदेश मामलों और आंतरिक मामलों के सचिवों के अलावा सभी संस्थानों के प्रमुखों तथा धन शोधन और टेरर फंडिंग (आतंकवाद को वित्त पोषण) से संबद्ध अधिकारी शामिल हैं।

तीनों सेनाओं के अधिकारी भी समिति में

इसके साथ ही इनमें स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के गवर्नर, सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन ऑफ पाकिस्तान (एसईसीपी) के चेयरमैन, फेडरल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (एफआईए) के महानिदेशक (डीजी), फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (एफबीआर) के सदस्य (कस्टम) और फाइनेंशिंग मॉनीटरिंग यूनिट (एफएमयू) के डीजी हैं। समिति में तीनों सेनाओं के महामुख्यालयों के तीन वरिष्ठ अधिकारी भी हैं।