
पाकिस्तान विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी।
इस्लामाबाद।पाकिस्तान अपने गिरेबां में झांकने के बजाय भारत के मामलों पर टिप्पणी कर रहा है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की घटनाएं देखने मिल रही है। इसके बावजूद पाकिस्तान उल्टे भारत में असहिष्णुता का राग अलाप रहा है। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने जेएनयू में हो रहे हंगामे को भारत में बढ़ती 'असहिष्णुता का एक और उदाहरण' बताया है।
कुरैशी ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि जेएनयू में कल छात्रों और शिक्षकों पर हुआ हमला भारत में बढ़ती असहिष्णुता का एक और उदाहरण है। भारत में परिसरों को अब आरएसएस के अनियंत्रित कोप का सामना करना पड़ रहा है और पुलिस की उनके उन्माद में मिलीभगत रहती है। जब आप फासीवादी विचारधारा को मजबूत करते हो तो ऐसा ही होता है। उन्होंने कहा कि पाक क्षेत्र में शांति,स्थिरता और सुरक्षा चाहता है और उसकी स्थिति स्पष्ट है।
कुरैशी के अनुसार ने कहा कि तनाव को कम करने के लिए सक्रिय कूटनीति समय की आवश्यकता है। हिंसा को हर हाल में टाला जाना चाहिए। इस मामले को हम अपना प्रयास जारी रखेंगे। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने सोमवार को भारत सरकार से 'भगवा आतंक' से अपने अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की बात कही। विदेश कार्यालय की टिप्पणी पेशावर में एक सिख व्यक्ति की हत्या कर दिए जाने के बाद भारत द्वारा रविवार को व्यक्त की गई तीखी प्रतिक्रिया के एक दिन बाद आई। सिख व्यक्ति की हत्या ऐसे समय हुई जब पाकिस्तान में गुरद्वारा ननकाना साहिब पर हमले की घटना हुई।
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि बीजेपी सरकार पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के कथित उत्पीड़न की घटनाओं का इस्तेमाल कश्मीर की स्थिति और भारत में अल्पसंख्यकों से होने वाले भेदभाव से ध्यान हटाने के लिए कर रही है। बयान में कहा गया, 'आरएसएस से प्रेरित बीजेपी सरकार की साख इतनी भी नहीं बची है कि वह यह बहाना तक कर सके कि वह अल्पसंख्यकों की रक्षक है।' इसमें कहा गया, 'किसी अन्य जगह अल्पसंख्यकों के लिए झूठी चिंता व्यक्त करने की जगह बीजेपी सरकार के लिए बेहतर रहेगा कि वह अपने यहां जारी मानव त्रासदी और ‘भगवा आतंक’ से भारत के अल्पसंख्यकों की रक्षा करने पर ध्यान दे।'
गौरतलब है कि खैबर पख्तूनख्वा के शांग्ला जिला निवासी 25 वर्षीय सिख व्यक्ति रविंदर सिंह की अज्ञात बंदूकधारियों ने पेशावर शहर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसकी कुछ समय बाद शादी होने वाली थी। भारत सरकार ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों को तुरंत न्याय दिलाने की बात कही थी। सिंह की हत्या से एक दिन पहले ही भीड़ ने लहौर में गुरद्वारा ननकाना साहिब पर हमला कर दिया था। यहां पर सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव का जन्म हुआ था।
Updated on:
07 Jan 2020 09:23 am
Published on:
07 Jan 2020 08:22 am
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