
पाकिस्तान में तेज हुई सियासी हलचल, 25 से 27 जुलाई के बीच हो सकते हैं आम चुनाव
नई दिल्ली। पाकिस्तान में आम चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द होने के संभावना है। पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने देश में अगले चुनाव 25 से 27 जुलाई के बीच कराने की अनुशंसा की है। पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने राष्ट्रपति ममून हुसैन को भेजी एक रिपोर्ट में कहा है कि वह प्रस्तावित तिथियों में से किसी कोई एक तिथि देश में चुनाव के लिए नियत कर दें। चुनाव की तारीखों का यह प्रस्ताव 31 मई को समाप्त होने वाली पीएमएल-एन सरकार की अवधि समाप्त होने से कुछ दिन पहले आया है।
काफी दिनों से थी चुनाव की सरगर्मी
ईसीपी ने चुनाव के संबंध में राष्ट्रपति ममून हुसैन को एक पत्र भेज कहा है कि वह चुनाव अधिनियम 2017 के तहत आयोग को एक तिथि निर्धारित करने के लिए कहें। उम्मीद लगाई जा रही है कि चुनाव कार्यक्रम जून के पहले सप्ताह में जारी किया जाएगा। ईसीपी प्रवक्ता अल्ताफ हुसैन ने घोषणा की है कि राष्ट्रपति और अन्य सरकारी निकायों से परामर्श के बाद ही आम चुनावों की तारीख की घोषणा की जाएगी।
निष्पक्ष चुनाव का दावा
पाकिस्तान में चुनाव अक्सर विवादों के घेरे में आ जाते हैं। चुनावों की निष्पक्षता के सवाल पर आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि ईसीपी चुनावों की शुचिता और निष्पक्षता को बनाए रखने की हर संभव कोशिश करेगा। उन्होंने कहा कि आयोग चुनाव पर निगरानी के लिए विदेशियों समेत सभी पर्यवेक्षकों का स्वागत करेगा।
31 मई को खत्म हो रहा मौजूदा सरकार का कार्यकाल
पाकिस्तान में मौजूदा सरकार की अवधि 31 मई को समाप्त होने की उम्मीद है। जिसके बाद आम चुनावों की देखरेख के लिए कार्यवाहक सरकार करेगी। बता दें कि पाकिस्तान के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय असेंबली में विपक्ष के नेता के परामर्श से प्रधानमंत्री कार्यवाहक प्रधान मंत्री की नियुक्ति करते हैं। इस चुनाव में सेना प्रमुख की राय भी अहम होती है। यदि प्रधान मंत्री और विपक्षी नेता उम्मीदवार पर सर्वसम्मति तक पहुंचने में असफल रहते हैं, तो प्रत्येक को तीन नाम चुनने होंगे। फिर छह उम्मीदवारों की सूची को संसदीय समिति को भेजा जाएगा, जिसका गठन राष्ट्रीय असेंबली स्पीकर द्वारा किया जाएगा।
पाकिस्तान में बैठकों का दौर
प्रधान मंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने पिछले हफ्ते इस मामले के बारे में विपक्षी नेता खुर्शीद शाह के साथ बैठक की। बैठक से पहले अब्बासी ने पीएमएल-एन नेताओं से मुलाकात की। माना जा रहा है कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री जो भी बने, परदे के पीछे असली भूमिका तो नवाज शरीफ ही निभाएंगे। बताया जा रहा है कि शरीफ इस मामले को ईसीपी को संदर्भित करने के पक्ष में नहीं हैं और चाहते हैं कि सर्वसम्मति से इस बात का फैसला हो जाए। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने पूर्व पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष जका अशरफ और पूर्व विदेश सचिव जलिल अब्बास जिलानी को केयर टेकर प्रधान मंत्री बनने का प्रस्ताव दिया है।
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इसके अलावा मीडिया में जिन लोगों के नाम इस पद के लिए आगे आ रहे हैं उनमें स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के पूर्व गवर्नर इशरत हुसैन, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मालेहा लोढ़ी, पूर्व मुख्य न्यायाधीश जवाद एस खवाजा और अनवर जहीर जमालली प्रमुख हैं।
Published on:
22 May 2018 03:12 pm
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