IB की अति-गोपनीय रिपोर्ट में खुलासा
नेपाल में पाकिस्तान के राजदूत मजहर जावेद को लेकर कई रिपोर्ट्स आ रही हैं। इनके मुताबिक काठमांडू में प्रमुख प्रभावशाली नेपाली संगठनों में भारत-विरोधी भावनाएं भड़काने के संबंध में उनकी भूमिका भी जांच के घेरे में है। एक समाचार एजेंसी को इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) की अति-गोपनीय रिपोर्ट मिली है, जिसमें खुलासा हुआ है कि मजहर जावेद ने 27 सितंबर को काठमांडू के महाराजगंज स्थित दूतावास के परिसर में एक उच्च स्तरीय बैठक की। इसमें 30 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और राजनयिकों को आमंत्रित किया गया था।
कश्मीर मुद्दे पर गुमराह करने की कोशिश
इस बैठक में मजहर जावेद ने नेपाली लॉबी को यह कहकर भड़काने की कोशिश की, कि भारत सरकार कश्मीर घाटी में लोगों का उत्पीड़न कर मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने कश्मीर से जुड़े तथ्यों से छेड़छाड़ करते हुए आरोप लगाया कि जम्मू एवं कश्मीर में स्थिति भयावह है। आपको बता दें कि मजहर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी बताए जाते हैं।
काउंटर इंटेलीजेंस डेन बना दूतावास परिसर
एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ने दूतावास परिसर में इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (ISI) के अधिकारियों को शरण देकर परिसर को लगभग पूरी तरह काउंटर इंटेलीजेंस डेन (खुफिया एजेंसियों से बचने के लिए ठिकाना) बना दिया गया है। यही नहीं, पाकिस्तानी दूतावास के रक्षा अधिकारी कर्नल शफकत नवाज वास्तव में ISI का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी डी-कंपनी से संबद्ध स्थानीय गैंगस्टरों के जरिए FICN की तस्करी करने में प्रमुख भूमिका रही है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर समेत भारत के कई हिस्सों में ISI के अलग-अलग मॉड्यूल्स की टेरर फंडिंग में भी शफकत नवाज की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह खुलासा इसी साल मई में काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा पर 7.67 करोड़ रुपये के उच्च क्वालिटी के एफआईसीएन बरामद होने के बाद सामने आई थी।
ढाका स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग की भूमिका पर भी पर्याप्त जानकारी
वहीं, भारतीय एजेंसियों ने ढाका स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग की भूमिका पर भी पर्याप्त जानकारी इकट्ठी कर ली है। एक विश्वस्त सूत्र ने कहा कि पाकिस्तान उच्चायोग में रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर कामरान नजीर मलिक ने ढाका के पॉश गुलशन क्षेत्र में स्थित होटल में जेहादी नेताओं के साथ गोपनीय बैठक की है। कामरान आतंकवादी गतिविधियों के अलावा FICN की तस्करी कराने में भी संलिप्त है।
बता दें कि ढाका पुलिस ने 25 सितंबर को एक पार्सल जब्त किया था जिसमें 50 लाख रुपये की जाली भारतीय मुद्रा थी। जांच में पाया गया कि दुबई निवासी आईएसआई एजेंट सलमान शेरा बांग्लादेश में विभिन्न स्थानों पर ऐसे पार्सल भेज रहा था।
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भारत ने एहतिहातन उठाए ये कदम
अब, आईबी की इस रिपोर्ट के आधार पर गृह मंत्रालय ने भारत-नेपाल सीमा पर सशस्त्र सीमा पुलिस और भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सतर्क कर दिया है। अन्य संघीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भी सीमापार की गतिविधियों, विशेषकर अगस्त में अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद की गतिविधियों के बारे में अवगत करा दिया गया है।