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पाकिस्तान में हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई! साथ मिलकर किया गुरुद्वारे का निर्माण

जहां गुरुद्वारा बनवाया गया है वहां सिखों की संख्या न के बराबर है यह गुरुद्वारा भारत विभाजन के समय से ही बंद था

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Gurudwara

कराची। पाकिस्तान से एक बेहद अच्छी खबर आ रही है। वहां के सिंध प्रांत के सक्खर शहर में मुसलमानों और हिंदुओं ने मिलकर एक गुरुद्वारे का फिर से निर्माण कर उसकी साज-सज्जा कराई है। इसके साथ ही अब इसे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। आपको बता दें कि भारत विभाजन के समय से ही यह गुरुद्वारा बंद था।

इस इलाके में न के बराबर है सिखों की संख्या

हालांकि, यहां उल्लेखनीय यह है कि न केवल सक्खर बल्कि समूचे सिंध में सिख समुदाय की आबादी न के बराबर है। सक्खर में सिख समुदाय नहीं रहता है लेकिन सिख धर्म के संस्थापक बाबा गुरु नानक देव जी में हिंदू समुदाय आस्था रखता है और यही समुदाय इस गुरुद्वारे का प्रबंधन कर रहा है। पाकिस्तान हिंदू कॉउंसिल के सदस्य देव सिकंदर ने कहा कि गुरुद्वारा बनकर तैयार हो चुका था। बाबा गुरु नानक जी के 550वें प्रकाशोत्सव के मद्देनजर इसका उद्घाटन रोका गया था, अब प्रकाशोत्सव के अवसर पर इसे खोल दिया गया है।

हिंदू और मुसलमानों ने मिलकर उठाया सारा खर्च

उन्होंने बताया कि दो कमरों में स्थित इस गुरुद्वारे के पुनर्निर्माण में एक साल लगा और करीब छह लाख रुपया खर्च हुआ। इसमें से दो लाख रुपये पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता खुर्शीद शाह ने दिए। बाकी के पैसे हिंदू और मुसलमानों ने मिलकर लगाए। देव सिकंदर ने कहा कि उद्घाटन के मौके पर गुरुद्वारे को अच्छे से सजाया गया। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने श्रद्धालुओं के लिए लंगर और प्रसाद की व्यवस्था की।