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प्रवासी बच्चों को नागरिकता देने पर विचार कर रहा है पाकिस्तान, विपक्ष ने किया विरोध

पाकिस्तान देश में जन्मे प्रवासी बच्चों को नागरिकता देने पर विचार कर रहा हैं। इमरान ने कहा कि मानवीय आधार प्रवासी बच्चों को नागरिकता मिलना चाहिए।

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान देश में जन्मे प्रवासी बच्चों को नागरिकता देने पर विचार कर रहे हैं। इमरान खान ने नेशनल असेंबली से पाकिस्तान में जन्मे अफगान और बांग्लादेशी प्रवासियों के बच्चों को नागरिकता देने पर सलाह मांगी है। देश के निचले सदन को संबोधित करते हुए मंगलवार को प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस फैसले को मानवीय आधार पर लेना चाहते हैं, क्योंकि देश में कई सालों से रह रहे शरणार्थियों को पहचान पत्र जारी किए जाने चाहिए।

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शरणार्थियों को नागरिकता देने से अपराध होगा कम
इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान में जन्मे शरणार्थियों को नागरिकता देने से अपराध दर में भी कमी आएगी, क्योंकि अधिकांश शरणार्थी सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने की अनुमति नहीं होने की वजह से मजदूरी करते हैं और वर्तमान में उन्हें स्थानीय मजदूरों की अपेक्षा बहुत कम मेहनताना मिलता है और इसके चलते वे आपराधिक गतिविधियों की ओर प्रवृत्त हो जाते हैं। अपनी बात के समर्थन में इमरान ने कहा कि देश की नागरिकता अधिनियम, 1951 में कहा गया है कि पाकिस्तान में जन्मे हर शख्स को इसकी नागरिकता पाने का अधिकार है।

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इमरान खान से सहमत नही है विपक्ष
इससे पहले बांध के लिए निधि संग्रह करने के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने अफगान और बांग्लादेशी प्रवासियों को राष्ट्रीय पहचान पत्र और पासपोर्ट जारी करने के प्रति प्रतिबद्धता जताई थी। विपक्षी और सरकार के सहयोगी दलों ने इस टिप्पणी पर चिंता जताई है। हालांकि, प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इस पर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है और सांसदों को इस पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया गया है। फिलहाल इस मामले पर राजनीति जारी है।